लंदन: कोरोनावायरस से संक्रमित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत स्थिर बताई जा रही है, उन्हें मंगलवार को आईसीयू में भर्ती किया गया था. वहीं इस वायरस के कारण यूरोप और अमेरिका समेत दुनियाभर में 75,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
कोविड-19 की वजह से आधी दुनिया किसी न किसी तरह के लॉकडाउन का सामना कर रही है. इस महामारी ने दुनियाभर में अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
दुनियाभर में यह वायरस अपना दायरा बढ़ा रहा है और अब तक 75,500 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं संक्रमण के 13.5 लाख से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई हैं, जो इस बात की चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है.
स्पेन में मंगलवार को संक्रमण की वजह से 743 लोगों की मौत हुई. सोमवार को फ्रांस में 833 लोगों ने बीमारी की वजह से दम तोड़ा था. इटली में मृतकों की संख्या में फिर से बढ़ोतरी हुई है.
एक नए शोध में ब्रिटेन में जुलाई तक 66,000 लोगों की मौत होने की आशंका जताई गई है जो इटली से काफी ज्यादा है.
जॉनसन के 10 दिन पहले संक्रमित होने कि पुष्टि हुई थी और जब उनकी हालत खराब हुई तो वह खुद आईसीयू में भर्ती होने चले गए. उनके प्रवक्ता ने कहा कि रात में उनकी हालत स्थिर थी.
स्वीडन में 114 और लोगों की मौत हुई है, जिसके बाद देश में मरने वालों की संख्या 591 पहुंच गई है. हालांकि स्वीडन ने यूरोप के अन्य देशों की तरह असाधारण बंद लागू नहीं किया है.
जॉन्स होपकिन्स यूनिवर्सिटी ने बताया कि अमेरिका में बीते 24 घंटे में 1,150 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका में कोरोना वायरस के दुनिया में सबसे ज्यादा मामले हैं.
अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क राज्य में मृत्यु दर धीमी हुई प्रतीत होती है. हालांकि राज्य के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने कहा कि यह लापरवाही का वक्त नहीं है.
मेयर बिल डे ब्लासियो ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क शहर इससे लड़ रहा है. हमारा दुश्मन अदृश्य है. हमारा शत्रु क्रूर है लेकिन यह शहर लड़ रहा है.’’
स्पेन के कहा कि नए मामलों में कमी का संकेत मिला है लेकिन सोमवार और मंगलवार को मृतकों की संख्या में इजाफा देखने को मिला.
चीन में आज किसी की मौत की खबर नहीं है. इससे एक दिन पहले चीन ने इस वायरस के केंद्र वुहान में यात्रा पर लगी रोक को हटाने पर विचार शुरू किया था.
चीन में सबसे पहले कोरोना वायरस का मामला सामने आया था.
न्यूयॉर्क शहर के कब्रिस्तान के निदेशक पी मर्मो ने कहा कि कब्रिस्तान में सामान्य दोनों की तुलना में तीन गुना ज्यादा शव आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह 11 सितंबर 2001 के जैसा हाल लग रहा है.
उधर सरकारें वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम कराने के लिए जूझ रही हैं.
ब्रेसेल्स में यूरोपीय संघ ने कोविड-19 के प्रभाव से निपटने के लिए कमज़ोर स्वास्थ्य व्यवस्था वाले गरीब देशों की मदद के लिए और लंबे समय तक आर्थिक सुधार में मदद करने के वास्ते 16.4 अरब डॉलर निवेश करने का ऐलान किया है.
जापान ने मंगलवार को महीनेभर के लिए देश में आपातकाल लगा दिया है. उसने एक हजार अरब डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज देने का वादा किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति भी करीब दो हजार अरब डॉलर बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर खर्च करने के पक्ष में हैं.
दूसरी ओर फ्रांस ने चेताया है कि वह मंदी की ओर बढ़ रहा है जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बदतर स्थिति होगी.
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि यूरोपीय संघ 1957 में अपनी स्थापना के बाद सबसे बड़ी परीक्षा से गुजर रहा है.