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Thursday, 28 March, 2024
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लंदन: विकिलीक्स के संस्थापक असांजे सात साल बाद इक्वॉडोर के दूतावास से गिरफ्तार

ब्रिटिश गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'असांजे के इक्वाडोर दूतावास में प्रवेश करने के सात साल बाद मैं पुष्टि कर सकता हूं कि वह अब पुलिस की हिरासत में हैं.'

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लंदन: विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को गुरुवार को लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास से गिरफ्तार कर लिया गया. वो यौन उत्पीड़न के एक मामले में स्वीडन प्रत्यर्पित होने से बचने के लिए पिछले सात सालों से दूतावास में शरण लिए हुए थे, जबकि बाद में मामले को वापस ले लिया गया था.

मेट्रोपोलिटन पुलिस ने बताया कि उन्हें अदालत में समर्पण करने के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा 29 जून, 2012 को वारंट जारी किया गया था, जिसमें विफल रहने के बाद उनको गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि उन्हें ‘जल्द ही’ वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा.

इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने कहा है कि असांजे द्वारा बार-बार अंतर्राष्ट्रीय रिवाजों का उल्लंघन किए जाने के बाद उनका संरक्षण वापस ले लिया गया. हालांकि, विकिलीक्स ने ट्वीट के जरिए कहा कि इक्वाडोर ने अवैध तरीके से असांजे के राजनीतिक शरण को समाप्त किया है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.

असांजे ने 2012 में कहा था कि अगर उसे स्वीडन को प्रत्यर्पित किया जाएगा तो उनको अमेरिका गिरफ्तार कर सकता है और उन्हें विकिलीक्स द्वारा लाखों अमेरिकी राजनयिक सूचनाओं के प्रकाशन के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है.

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स्कॉटलैंड यार्ड ने एक बयान में कहा कि इक्वाडोर सरकार द्वारा आश्रय वापस लेने के बाद उन्हें राजदूत ने दूतावास में बुलाया था. ब्रिटिश गृहमंत्री साजिद जावेद ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘जुलियन असांजे के इक्वाडोर दूतावास में प्रवेश करने के सात साल बाद मैं पुष्टि कर सकता हूं कि वह अब पुलिस की हिरासत में हैं.’

ख़बर लिखे जाने तक के सबसे ताज़ा ट्वीट में विकिलीक्स ने लिखा है, ‘असांजे को अमेरिका के प्रत्यर्पण की अर्जी की वजह से गरिफ्तार किया गया है.’ उनको ऊपर ‘चेल्सी मैंनिंग के साथ षडयंत्र’ का जो आरोप है ये उससे जुड़ा मामला है. असांजे पर आरोप है कि उन्होंने इराक युद्ध से जुड़े लॉग्स, केबलगेट और अफगान युद्ध से जुड़े लॉग्स छापे थे. विकिलीक्स का कहना है कि उन्हें उन आरोपों से जुड़ी सज़ा दी जा रही है जिनके लिए उन्हें 1951 के शरणार्थी सम्मेलन के तहत 2012 में शरण दी गई थी.

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