नई दिल्ली: बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनीं लिज ट्रस ने भी इस्तीफा दे दिया है. लिज ने कहा कि उन्हें जिस काम के लिए चुना गया था वो नहीं कर पाईं. वह लोगों से अपना वादा नहीं निभा सकीं.
बता दें कि लिज ट्रस 6 सितंबर 2022 को पीएम बनीं थीं. उन्होंने सत्ता संभालने के दो महीने से कम समय में यानी कि 45 दिन में इस्तीफा दे दिया है.
Liz Truss says she was resigning as UK PM, brought down by her economic programme that sent shockwaves through the markets & divided her Conservative Party just six weeks after she was appointed: Reuters
"I will remain as PM until a successor has been chosen," she says: Reuters
— ANI (@ANI) October 20, 2022
लिज़ ट्रस ने कहा कि वह ऐसे समय सत्ता संभालीं जब देश बड़ी आर्थिक और आंतरिक स्थिरता का सामना कर रहा था. परिवार और बिजनेस के लोग चिंतित थे के वे अपने बिल्स कैसे चुकाएं. यूक्रेन के खिलाफ व्लादिमीर पुतिन का युद्ध छेड़ने से हमारे पूरे महद्वीप को सुरक्षा को लेकर खतरा है और हमारा देश कम आर्थिक विकास के मामले में बहुत लंबे समय से पिछड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि वह अपने उत्तराधिकारी के चुने जाने तक प्रधानमंत्री बनी रहेंगी.
यह भारतीय मूल की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन द्वारा अपने अपना इस्तीफा देने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने उन्होंने संसदीय सहयोगी को आधिकारिक दस्तावेज भेजते समय ‘नियमों में तकनीकी गड़बड़ी’ का हवाला दिया.
भारतीय मूल की ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने लंदन में मंत्रिस्तरीय संचार के लिए अपने निजी ई-मेल का इस्तेमाल करने की ‘गलती’ के बाद बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया था.
ब्रेवरमैन को 43 दिन पहले ही गृह मंत्री नियुक्त किया गया था, जब ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभाला था. इससे पहले, ब्रेवरमैन की बुधवार को प्रधानमंत्री ट्रस के साथ बैठक हुई थी.
ब्रेवरमैन (42) ने अपने ट्विटर हैंडल पर त्यागपत्र पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिका, ‘मैंने गलती की. मैं इसकी जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं.’
ब्रेवरमैन ने कहा, ‘मैंने अपने व्यक्तिगत ई-मेल से एक विश्वसनीय संसदीय सहयोगी को एक आधिकारिक दस्तावेज भेजा…जैसा कि आप जानते हैं, दस्तावेज आव्रजन के बारे में मंत्रिस्तरीय बयान था, जिसका प्रकाशन होना था.’
उन्होंने कहा, ‘फिर भी मेरा जाना सही है. जैसे ही मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ, मैंने तुरंत आधिकारिक माध्यम से कैबिनेट सचिव को सूचित किया.’
उन्होंने कहा, ‘हम एक कठिन समय से गुजर रहे हैं… मुझे इस सरकार की दिशा के बारे में चिंता है.’
ब्रेवरमैन ने कहा, ‘न केवल हमने अपने मतदाताओं से किए गए प्रमुख वादों को तोड़ा है, बल्कि मुझे घोषणापत्र से जुड़ी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की इस सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में गंभीर चिंता है, जैसे कि समग्र प्रवासन संख्या को कम करना और अवैध प्रवास, विशेष रूप से खतरनाक छोटी नावों से आव्रजन को रोकना.’
दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के फारेहम से संसद में कंजरवेटिव पार्टी की सदस्य ब्रेवरमैन ने बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया था.
दो बच्चों की मां ब्रेवरमैन हिंदू तमिल मां उमा और गोवा मूल के पिता क्रिस्टी फर्नांडिस की बेटी हैं. उनकी मां मॉरीशस से ब्रिटेन आई थीं, जबकि उनके पिता 1960 के दशक में केन्या से लंदन पहुंचे थे. ब्रेवरमैन बौद्ध अनुयायी हैं, जो नियमित रूप से लंदन बौद्ध केंद्र में जाती हैं और उन्होंने भगवान बुद्ध के उपदेशों के ‘धम्मपद’ ग्रंथ पर संसद में पद की शपथ ली थी.
(एएनआई और भाषा के इनपुट्स के साथ)
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