ब्रिटेन: ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने फ़ाइज़र कंपनी के बनाए टीके बायोएनटेक के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी है.
ब्रिटिश नियामक संस्था एमएचआरए ने कहा है कि फ़ाइज़र/बायोएनटेक की ये वैक्सीन कोविड-19 से 95% सुरक्षा देती है और इस सुरक्षा के प्रतिशत के साथ इस्तेमाल की अनुमति दी जा सकती है.
बताया जा रहा है कि कुछ ही दिनों के भीतर ऐसे लोगों को टीका लगना शुरू हो जाएगा जिन्हें इस बीमारी से संक्रमित होने का सबसे ज़्यादा ख़तरा है.
ये दुनिया में सबसे तेजी से विकसित की गई वैक्सीन की श्रेणी में शामिल हो गई है जिसने बनाने में 10 महीने का समय लगा है और यह 95 फीसदी तक असर कर रही है.
हालांकि कोविड विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि टीके के बावजूद लोगों को संक्रमण से बचने के लिए कड़े नियमों का पालन करते रहना होगा.
यूरोपीय दवा नियामक की नजर कोविड-19 के दो संभावित टीकों की सुरक्षा और प्रभाव पर
जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक और उसकी साझेदार अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने कहा है कि उन्होंने ‘यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी’ के समक्ष कोरोनावायरस के उनके टीके को मंजूरी के लिए एक आवेदन सौंपा है.
दोनों कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को सौंपे गये आवेदन की समीक्षा प्रक्रिया को पूरा किया गया. उन्होंने इसे एजेंसी के समक्ष छह अक्टूबर को शुरू किया था.
अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना ने अमेरिकी और यूरोपीय नियामकों से कोविड-19 के अपने टीके का आपातकालीन उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. प्रतिद्वद्वी कंपनी मॉडर्ना के इस अनुरोध के एक दिन इन कंपनियों ने यह कदम उठाया है.
बायोएनटेक ने कहा है कि टीके को वर्तमान में बीएनटी162बी2 नाम दिया गया है और यदि यह मंजूर हो जाता है तो यूरोप में इसका इस्तेमाल 2020 के अंत से पहले शुरू हो सकता है.
हालांकि मंगलवार को यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी ने कहा था कि वह 29 दिसंबर के यह तय करने के लिए बैठक बुलाएगी कि क्या फाइजर और बायोनटेक द्वारा विकसित कोविड-19 का संभावित टीका मंजूरी देने के लिए सुरक्षित और प्रभावी है अथवा नहीं. एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि वह 12 जनवरी तक फैसला करेगी कि मॉडर्ना इंक द्वारा विकसित प्रायोगिक कोविड-19 टीके को मंजूरी दे या नहीं.
लेकिन एजेंसी ने आज ही फाइजर कंपनी के बनाए टीके को मंजूरी दे दी है.