लंदन: ब्रिटेन के नियामक ने ‘ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका’ के कोविड -19 के टीके को मंजूरी दी. भारत में पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया यानी एसआईआई इस वैक्सीन का निर्माण कर रही है.
फार्मा के प्रमुख ने आज कहा कि यूके में आपातकालीन उपयोग के लिए COVID-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है और आज पहली खुराक जारी की जा रही है ताकि नए साल की शुरुआत में टीकाकरण शुरू हो सके. उन्होंने कहा, यूके मेडिसिन एंड हेल्थकेयर उत्पादों नियामक एजेंसी (MHRA) ने 18 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के आपातकालीन टीकाकरण के लिए यह अनुमति मिल ही.
बता दें कि एस्ट्राज़ेनेका प्राधिकरण ने कहा है कि इस वैक्सीन के भी दो डोज लगने हैं जो चार और 12 सप्ताह के अंतराल पर लगाई जानी है. एस्ट्राजेनेका ने यह भी कहा है कि ट्रायल रन के दौरान जब दूसरा डोज दिया गया तो 14 दिनों के भीतर कोई भी ऐसा मामला सामने नहीं आया जिसमें किसी भी वोलेंटियर को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा हो.
कंपनी ने यह भी कहा है कि यह वैक्सीन सामान्य रेफ्रीजेरेशन में 2-8 डिग्री सेल्सियस पर एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाई जा सकती है.
बता दें कि इससे पहले भी ब्रिटेन ने ही फाइजर कंपनी के बनाए टीके बायोएनटेक के इस्तेमाल को हरी झंडी दी थी. इस टीके को लगाने का काम अब विश्व के कई देशों में शुरू हो गया है. ब्रिटिश नियामक संस्था एमएचआरए ने कहा था कि ये वैक्सीन कोविड-19 से 95 फीसदी तक सुरक्षा देती है.
नियामक ने एस्ट्राजेनेका को भी मंजूरी दे दी है और कहा है कि एमएचआरए के विशेषज्ञों ने यह मंजूरी डाटा के गहन अध्ययन के बाद ली है. यही नहीं बयान में यह भी कहा गया है कि नियामक के विशेषज्ञों ने यह भी माना है कि वैक्सीन ने सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता के मानकों में सफलता हासिल की जिसके बाद सरकार ने उसके प्रयोग पर हरी झंडी दिखाई है.
इस वैक्सीन को ब्रिटेन में मिली मंजूरी के बाद भारत में भी वैक्सीन का रास्ता थोड़ा आसान हो गया है क्योंकि यह वैक्सीन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है और यह भारत में टीका बनाने वाले शीर्ष तीन निर्माताओं में से एक है.
Subject Expert Committee (SEC) of Drugs Controller of India to take a meeting to consider Serum Institute of India's application for emergency use approval of its COVID19 vaccine, says a government official
— ANI (@ANI) December 30, 2020
सीरम भारत में पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से आपातकालीन टीका दिए जाने को लेकर आवेदन कर चुका है, लेकिन अभी तक इस टीके को सरकार ने कोई प्रक्रिया नहीं दी है. हालांकि आज शाम स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक है.
बता दें कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अब तक ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीके की करीब पांच करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसका लक्ष्य अगले साल मार्च तक 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का है.
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था कि अभी हमें इस टीके के आपात इस्तेमाल के अधिकार की मंजूरी का इंतजार है.
कंपनी ने बच्चों के लिए देश में पहली बार बनी वैक्सीन न्यूमोसिल पेश की है. कंपनी ने कहा कि कोविड-19 के टीके का उत्पादन सरकार की ओर से आने वाली कुल मांग पर निर्भर करेगा.
भारत में तत्काल कोविड-19 वैक्सीन पेश करने की जरूरत के मद्देनजर एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एस्ट्रोजेनका के साथ कोविशील्ड के विनिर्माण के लिए भागीदारी की थी.
पुणे की कंपनी ने कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) के पास आवेदन किया है.
पूनावाला ने कहा, ‘हम पहले ही टीके की 4 से 5 करोड़ खुराक का विनिर्माण कर चुके हैं. लॉजिस्टिक्स के मुद्दों की वजह से शुरुआत में टीके को पेश करने की रफ्तार धीमी रहेगी. हालांकि, एक बार चीजें व्यवस्थित होने के बाद हम तेजी से टीका उतार सकेंगे.’
उन्होंने कहा कि कंपनी की योजना अगले साल मार्च तक टीके का मासिक उत्पादन 10 करोड़ खुराक तक करने की है. पूनावाला ने बताया कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके को ब्रिटेन में मंजूरी मिलते ही भारत में भी टीके को मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर उत्पादन भारत को मिलेगा. हालांकि, वैश्विक पहल कोवैक्स के तहत कुछ टीकों को अन्य देशों को भी दिया जाएगा.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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