जोहानिसबर्ग, 30 जनवरी (भाषा) महात्मा गांधी ने जोहानिसबर्ग में 19वीं शताब्दी के अंत में ऐतिहासिक टॉल्स्टॉय फार्म की स्थापना की थी और उस आश्रम के पुनरुद्धार का दस्तावेजीकरण करने वाली एक नयी पुस्तक का उनकी 75 वीं पुण्यतिथि से एक दिन पहले यहां विमोचन किया गया।
‘‘टॉलस्टॉय फार्म- द रोड टू रिकवरी’’ नामक पुस्तक का रविवार को विमोचन किया गया। इसमें वर्णन किया गया है कि किस प्रकार गांधीवादी मोहन हीरा ने लगभग अकेले ही टॉल्सटॉय फार्म का पुनरुद्धार किया। आश्रम पूरी तरह से बर्बाद हो गया था और घास एवं झाड़ियों से घिरा हुआ था। लेकिन आज एक स्माकर उद्यान, फलों के बाग, एक पुस्तकालय और एक संग्रहालय हैं।
दक्षिण अफ्रीकी के अनुभवी पत्रकार और यहां पीटीआई के संवाददाता फाकिर हसन इस पुस्तक के लेखक हैं। उन्होंने इस मौके पर बताया कि यह पुस्तक कैसे लिखी गई।
उन्होने कहा कि यह किताब टॉल्स्टॉय फार्म के पुनरुद्धार का पूर्ण ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं है, न ही इसकी आज की प्रासंगिकता पर कोई अकादमिक कवायद है, बल्कि पिछले दो दशकों में उन्होंने जो कुछ भी रिपोर्ट किया, उसका संग्रह है।
हसन ने दक्षिण अफ्रीकी भारतीयों के समकालीन इतिहास पर कई पुस्तकें लिखी हैं। उन्होने महात्मा गांधी पर भी तीन किताबें लिखी हैं।
नाथूराम गोडसे ने 1948 में आज ही के दिन राष्ट्रपिता गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
लेखक ने कहा कि इस पुस्तक का विचार नवंबर 2022 में आया जब वह टॉल्स्टॉय फार्म में भारतीय महावाणिज्यदूत अंजू रंजन के साथ पुस्तकालय के आधिकारिक उद्घाटन के अवसर पर आमंत्रित वक्ताओं में एक थे।
भाषा अविनाश माधव
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