कराची, पांच अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सजा को गलत मुकदमे का नतीजा बताने के एक महीने बाद उनके पोते और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो ने कहा कि न्यायिक सुधार का समय आ गया है।
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले महीने निष्कर्ष निकाला था कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संस्थापक भुट्टो की 1979 की दोषसिद्धि गलत मुकदमे का परिणाम थी।
न्यायालय ने 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की उस अर्जी पर सुनवाई की थी, जिसमें उन्होंने हत्या के एक मामले में उकसाने को लेकर अपने ससुर भुट्टो की दोषसिद्धि पर पुनर्विचार करने का विशेष अनुरोध किया था। भुट्टो को दोषसिद्धि के परिणामस्वरूप 1979 में फांसी दे दी गयी थी।
दिवंगत भुट्टो की 45वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बृहस्पतिवार को लरकाना जिले में एक इफ्तार में कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि पीपीपी नई संघीय सरकार से न्यायिक सुधार करने के लिए कहेगी।
पीपीपी अध्यक्ष ने वहां मौजूद लोगों से कहा, “अब न्यायिक सुधार शुरू करने का समय आ गया है। पीपीपी संघीय सरकार से इन सुधारों को करने के लिए कहेगी।”
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल के हवाले से कहा, ‘‘हम लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करना चाहते हैं। हम अपना वादा पूरा करना चाहते हैं।’’
बिलावल ने याद किया कि उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो ने न्यायिक सुधारों को ‘चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी’ (सीओडी) का एक अभिन्न अंग बनाया था, जिस पर मई 2006 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ के साथ हस्ताक्षर किए गए थे।
पीपीपी आठ फरवरी के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रही है।
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प्रशांत सुरेश
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