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Friday, 29 March, 2024
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जासूसी गुब्बारे पर चीन से बढ़ते तनाव के बीच बाइडन बोले-संप्रभुता के लिए खतरा होने पर करेंगे कार्रवाई

अमेरिका ने चीन पर संयुक्त राष्ट्र की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

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वाशिंगटनः संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर अमेरिका की संप्रभुता के लिए चीन खतरा उत्पन्न करता है तो आत्मरक्षा में कदम उठाए जाएंगे.

बाइडन ने मंगलवार रात अपने ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में कहा, ‘‘मैं चीन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जहां वह अमेरिकी हितों को आगे बढ़ा सकता है और दुनिया को फायदा पहुंचा सकता है. हालांकि, कोई संदेह न रखें, हमने पिछले सप्ताह ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर चीन हमारी संप्रभुता के लिए खतरे उत्पन्न करता है, तो हम अपने देश की रक्षा के लिए कार्रवाई करेंगे.’’

अमेरिकी सेना ने पिछले हफ्ते अटलांटिक महासागर के ऊपर संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को गिरा दिया है. इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने मंगलवार को कहा कि वह इस मामले में ‘‘दृढ़ता से अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करेगा.’’

अमेरिका ने चीन पर अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

बाइडन का इस बार का बयान ‘‘एकता’’ के इर्द-गिर्द घूमता रहा. उन्होंने कहा कि उनके दो साल के प्रशासन में निरंकुशता कम हुई है.

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वार्षिक संबोधन के दौरान इस बार नज़ारा पिछले दो साल से अलग रहा, क्योंकि मध्यावधि चुनाव में प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन ने बहुमत हासिल कर लिया है.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अमेरिका जलवायु और वैश्विक स्वास्थ्य से लेकर खाद्य असुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय आक्रामकता तक तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए फिर से दुनिया को एकजुट कर रहा है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सहयोगी बढ़ रहे हैं अधिक कार्रवाई कर रहे हैं. प्रशांत और अटलांटिक में भागीदारों के बीच सेतु कायम हो रहे हैं. अमेरिका के खिलाफ जाने वाले लोगों को पता चल रहा है कि वे कितने गलत हैं. अमेरिका के खिलाफ जाना कभी सही नहीं होता.’’

बाइडन ने अपने भाषण में कई बार चीन का ज़िक्र किया.

उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने से पहले कहानी यह थी कि कैसे चीन अपनी ताकत बढ़ा रहा है और अमेरिका दुनिया में पिछड़ रहा है.

बाइडन ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘अब ऐसा नहीं है. मैंने राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) को स्पष्ट किया है कि हम प्रतिस्पर्धा चाहते हैं, संघर्ष नहीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई खेद नहीं है कि हम अमेरिका को मजबूत बनाने के लिए निवेश कर रहे हैं. अमेरिकी नवाचार, उद्योगों में निवेश भविष्य को परिभाषित करेंगे और जहां चीन की सरकार हावी होना चाहती है. हमारी उन्नत प्रौद्योगिकियां की रक्षा के लिए हमारे गठबंधनों में निवेश कर रहे हैं और हमारे सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं, ताकि उनका इस्तेमाल हमारे खिलाफ न हो पाए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिरता की रक्षा करने और आक्रामकता को रोकने के लिए हमारी सेना का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. आज हम चीन या दुनिया में किसी और के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पिछले कई दशकों के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में हैं.’’

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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