नई दिल्ली: इजराइल के पूर्व-प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक नई सरकार बनाने के लिए एक जनादेश हासिल कर लिया है. नेतन्याहू रिकॉर्ड छठी बार इस्राइल के प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे.
नेतन्याहू ने एक ट्वीट किया, ‘चुनावों के बाद, लोगों ने स्पष्ट रूप से मेरे नेतृत्व वाली सरकार की स्थापना के पक्ष में फैसला किया है.’
नेतन्याहू ने नेसेट के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें पद संभालने की सिफारिश की थी. उनका कहना है कि नेतन्याहू की एक स्थिर और सफल सरकार होगी जो देश के सभी निवासियों के लिए काम करेगी.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं नेसेट के सभी 64 सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मेरी सिफारिश की. हम सब कुछ करेंगे, ताकि भगवान की मदद से, यह एक स्थिर और सफल, जिम्मेदार और समर्पित सरकार हो, जो बिना किसी अपवाद के देश के सभी निवासियों के लाभ के लिए काम करेगी.’
राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि नेसेट के 64 सदस्यों का समर्थन हासिल करने वाले नेतन्याहू को अगली सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. राष्ट्रपति निवास पर बैठक के दौरान हर्जोग ने नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया.
हर्जोग ने कहा कि वह नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे से ‘अनजान नहीं’ हैं, लेकिन अदालत ने पूर्व में फैसला सुनाया था कि यह नेतन्याहू को जनादेश देने में बाधा नहीं है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘इजराइल को ऐसी सरकार की आवश्यकता है जो भले ही उसकी संरचना में सभी विश्वदृष्टि और विधायिका के वर्गों को प्रतिबिंबित न करे, फिर भी सभी लोगों के बीच जुड़ाव और एकीकरण की प्रक्रिया का नेतृत्व करना जानता है और एक जिम्मेदार, सतर्क, खुला, स्पष्ट, और सरकार की अन्य शाखाओं के साथ बढ़िया संवाद बनाए.’
राष्ट्रपति हर्जोग ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह नेतन्याहू को उन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ परामर्श के बाद एक नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे, जो एक नवंबर को हुए चुनावों में 25वीं नेसेट के लिए निर्वाचित हुए हैं.
पिछले बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष से औपचारिक रूप से चुनाव के परिणाम प्राप्त करने के तुरंत बाद इजराइल के राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी.
देश में चार साल से भी कम समय में कराया गया यह पांचवां चुनाव था. राजनीतिक गतिरोध 2019 में शुरु हुआ था, जब नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासभंग के आरोप लगाए गए थे, जिसका उन्होंने खंडन किया था. रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज की नेशनल यूनिटी ने 12 सीट जीतीं, और वित्त मंत्री एविग्डोर लिबरमैन की पार्टी को छह सीट मिलीं.
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