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Thursday, 25 April, 2024
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लाइव पॉडकास्ट में कॉलर द्वारा PM मोदी को गाली देने पर BBC ने माफी मांगी, एपिसोड को एडिट किया

यह कॉल बीबीसी एशियन नेटवर्क के ‘बिग डिबेट’ पॉडकास्ट के एक एपिसोड के दौरान की गई थी. बहस इस बात पर केंद्रित थी कि ‘क्या आप ईस्टइंडर्स के बीच पगड़ी को ताज की तरह माने जाने पर गर्व महसूस करते हैं?'

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नई दिल्ली: बीबीसी के एक होस्ट ने लाइव रेडियो पॉडकास्ट के उस एपिसोड के लिए माफी मांगी है जिसमें इस हफ्ते के शुरू में एक कॉलर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था.

ये कॉल बीबीसी एशियन नेटवर्क के ‘बिग डिबेट’ पॉडकास्ट के एक मार्च के एपिसोड के दौरान की गई थी. इस एपिसोड में बहस इस पर केंद्रित थी कि ‘क्या आप ईस्टइंडर्स के बीच पगड़ी को ताज की तरह माने जाने पर गर्व महसूस करते हैं?’

ईस्टएंडर्स एक लोकप्रिय ब्रिटिश सोप ओपेरा है जो 1985 से प्रसारित हो रहा है. पॉडकास्ट में अधिकांश चर्चा ब्रिटेन में सिखों और भारतीयों के साथ होने वाले नस्लीय भेदभाव के आसपास केंद्रित थी.

बीबीसी साउंड्स पर प्रसारित किए गए लाइव पॉडकास्ट की एंकरिंग पत्रकार प्रिया राय ने की थी.

मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर खासी नाराजगी जताए जाने के बाद इस पॉडकास्ट के तीन घंटे के एपिसोड को एडिट किया गया और उससे वह हिस्सा हटा दिया गया. अब ऑनलाइन उपलब्ध नए वर्जन में राय की माफी भी शामिल है.

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इसमें होस्ट की तरफ से कहा गया है, ‘इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, हम कुछ अभद्र भाषा के लिए फिर से माफी मांगते हैं, जिसका पूर्व में शो के एक मेहमान द्वारा इस्तेमाल किया गया था. यह एक लाइव शो है और हम अक्सर विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा करते हैं.’

वह आगे कहती हैं, ‘लेकिन जैसी भाषा का इस्तेमाल हुआ, उसका कोई कारण नहीं था और अगर इससे किसी का अपमान हुआ है तो मैं एक बार फिर खेद जताना चाहती हूं.’


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ब्रिटिश-भारतीय समूह ने की कार्रवाई की मांग

पॉडकास्ट प्रसारित होने पर ब्रिटिश इंडियन वॉयस नामक एक समूह इस घटना को ट्विटर के जरिये सामने लाया, जहां पर इसके 8,000 से अधिक फॉलोअर हैं. समूह ने मांग की कि देश का मीडिया रेग्युलेटर ऑफिस ऑफ कम्युनिकेशन (ऑफकॉम) ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के खिलाफ कार्रवाई करे.

पिछले साल दिसंबर में अर्णब गोस्वामी की मेजबानी वाले एक डिबेट शो में कथित हेट स्पीच के लिए ऑफकॉम ने रिपब्लिक भारत पर 20,000 पाउंड का जुर्माना लगाया था.

ताजा प्रकरण के कारण भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स के बीच ‘बॉयकाटबीबीसी’ और ‘बैनबीबीसी’ जैसे हैशटैग तेजी से ट्रेंड करने लगे थे, जिनका इस्तेमाल भाजपा के कुछ सदस्यों की तरफ से भी किया गया.

बीबीसी को पिछले साल दिल्ली दंगों के कवरेज को लेकर प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की तरफ से कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी. वेम्पति ने एक कार्यक्रम के लिए बीबीसी के निमंत्रण को इस आधार पर ठुकरा दिया था कि दंगों पर उसका कवरेज ‘एकतरफा’, ‘संदर्भहीन’ और ‘सांप्रदायिक आचरण’ वाला था.

बाद में बीबीसी ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट्स पर कायम है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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