ढाका, एक जून (भाषा) बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और दो अन्य व्यक्तियों को पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबाने में उनकी कथित भूमिका के लिए सामूहिक हत्या सहित कई आरोपों में अभ्यारोपित किया।
रविवार की कार्यवाही का मतलब है कि हसीना के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा शुरू किया जाएगा। यह कार्यवाही विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना सरकार के सत्ता से हटने के लगभग 10 महीने बाद शुरू हुई।
अभियोजन पक्ष द्वारा औपचारिक रूप से हसीना पर विरोध प्रदर्शनों को क्रूर तरीके से नियंत्रित करने का प्रयास करने का आरोप लगाये जाने के बाद तीन सदस्यीय आईसीटी पीठ ने कहा, ‘‘हम आरोपों को संज्ञान में लेते हैं।’’
न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
मामले में तीसरे आरोपी एवं तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून इस समय हिरासत में हैं और उनकी उपस्थिति में मुकदमा चलेगा।
बांग्लादेश के इतिहास में पहली बार न्यायाधिकरण की कार्यवाही का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया।
हिंसक आंदोलन के बाद पिछले वर्ष पांच अगस्त को सत्ता से हटीं हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई मुकदमे चलाये जा रहे हैं।
बांग्लादेश के आईसीटी ने इससे पहले तब हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जब अंतरिम सरकार ने एक राजनयिक नोट में भारत से उन्हें प्रत्यर्पित किये जाने की मांग की थी। भारत ने राजनयिक नोट प्राप्त होने की बात स्वीकार की है कि लेकिन और कोई टिप्पणी नहीं की है।
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