scorecardresearch
Tuesday, 2 September, 2025
होमविदेशबांग्लादेश की अंतरिम सरकार, पार्टियों ने राजनीतिक संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की निंदा की

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, पार्टियों ने राजनीतिक संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की निंदा की

Text Size:

ढाका/नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और राजनीतिक दलों ने शनिवार को पिछले साल तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को गिराने वाले आंदोलन से जुड़े एक राजनीतिक संगठन के खिलाफ रातोंरात की गई सैन्य कार्रवाई की निंदा की।

सेना ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर गण अधिकार परिषद के कार्यकर्ताओं पर उस वक्त कार्रवाई की, जब इसके प्रमुख नूरुल हक नूर अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार रात पुराना पलटन इलाके में पूर्व राष्ट्रपति एच एम इरशाद की जातीय पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के सामने ‘‘संवाददाता सम्मेलन करने’’ पहुंचे थे।

सोशल मीडिया पर वीडियो फुटेज और स्थानीय समाचार पत्रों की खबरों में कहा गया है कि पुलिस और सेना ने संयुक्त रूप से गण अधिकार कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडे बरसाए, क्योंकि कानून प्रवर्तन बलों द्वारा उन्हें वहां से चले जाने के लिए की गई प्राथमिक अपील निरर्थक प्रतीत हुई।

गंभीर रूप से घायल नूर और कई अन्य लोगों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है। नूर, वीपी नूर के नाम से भी जाने जाते हैं क्योंकि वह ढाका विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूसीएसयू) के पूर्व उपाध्यक्ष हैं।

शनिवार को, अंतरिम सरकार प्रमुख के कार्यालय, जिसका नेतृत्व मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने एक बयान जारी कर सुरक्षा बलों की कार्रवाई की कड़ी निंदा की।

बयान में कहा गया, ‘‘यह (अंतरिम सरकार) गण अधिकार परिषद के अध्यक्ष और जुलाई विद्रोह के एक प्रमुख नेता तथा लोकतंत्र, न्याय और जनता के अधिकारों के समर्थक नूरुल हक नूर पर हुए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करती है।’’

बयान के अनुसार, ‘‘हिंसा के ऐसे कृत्य न केवल नूर पर, बल्कि उस लोकतांत्रिक आंदोलन की भावना पर भी हमला हैं जिसने न्याय और जवाबदेही के ऐतिहासिक संघर्ष में पूरे देश को एकजुट किया था।’’

‘जुलाई विद्रोह’ शब्द का प्रयोग छात्रों के नेतृत्व में हुए विशाल विरोध प्रदर्शनों के लिए किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। वह 5 अगस्त 2024 को देश से बाहर चली गईं, जिसके तीन दिन बाद यूनुस ने अंतरिम सरकार प्रमुख का पदभार संभाला।

अंतरिम सरकार ने वादा किया कि वह इस जघन्य घटना की गहन और निष्पक्ष जांच काफी तत्परता से शुरू करेगी और इसमें संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

इससे पहले, सेना ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा, ‘‘बांग्लादेश पीपुल्स रिपब्लिक ने सभी प्रकार की भीड़ के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘सभी शांतिपूर्ण तरीके आजमाने के बाद, सुरक्षा बलों को सार्वजनिक सुरक्षा के हित में बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जो एक शासकीय आदेश के तहत हसीना की अवामी लीग की गतिविधियों को समाप्त करने के बाद से अब एकमात्र प्रमुख पार्टी है, ने भी नूर पर हुए हमले की आलोचना की।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments