ढाका, 23 मई (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि देश में बदलाव लाने के लिए राजनीतिक दलों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण उन्हें काम करना मुश्किल लग रहा है। एक खबर में यह दावा किया गया।
बीबीसी बांग्ला सेवा ने छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख नाहिद इस्लाम के हवाले से कहा कि यूनुस देश में उभरते राजनीतिक हालात को लेकर चिंतित हैं और उन्हें आशंका है कि वह अपना काम जारी रख पाएंगे या नहीं।
देश में संसदीय चुनाव कराने की संभावित समयसीमा को लेकर सेना और अंतरिम सरकार के बीच कुछ असहमति की भी खबरें हैं।
इस्लाम ने यूनुस के देश के मुख्य सलाहकार पद से इस्तीफे पर विचार करने की बात कही, लेकिन इस खबर पर यूनुस के कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक वक्तव्य जारी नहीं किया गया या इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।
इस्लाम ने बीबीसी से कहा कि यूनुस ने कहा, ‘‘मुझे बड़े विद्रोह के बाद देश में बदलाव और सुधार लाने के लिए यहां लाया गया था। लेकिन मौजूदा हालात में आंदोलनों की ओर से बढ़ते दबाव और जिस तरह से मुझे दरकिनार किया जा रहा है, मैं काम नहीं कर सकता। सभी राजनीतिक दल सहमति पर पहुंचने में विफल रहे हैं।’’
इस्लाम के मुताबिक, उन्होंने यूनुस से कहा कि ‘‘देश की सुरक्षा और भविष्य के लिए मजबूत बने रहें और जन-विद्रोह की उम्मीदों पर खरा उतरें।’’
उनके मुताबिक, उन्होंने मुख्य सलाहकार से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राजनीतिक दल एकजुट होकर उनके साथ सहयोग करेंगे और ‘‘मुझे उम्मीद है कि हर कोई उनके साथ सहयोग करेगा’’।
इस्लाम पिछले साल जुलाई में हुए छात्रों के आंदोलन की अगुवाई करने वाले संगठन ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के एक प्रमुख समन्वयक थे। इस आंदोलन के कारण ही तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा था।
पिछले दो दिन में यूनुस की सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है जिनमें अंतरिम कैबिनेट के अंदर बढ़ता तनाव भी है।
अंतरिम सरकार ने 12 मई को शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार को रातोंरात संशोधित एक आतंकवाद निरोधक कानून के तहत आधिकारिक रूप से भंग कर दिया था। इससे दो दिन पहले ही अंतरिम सरकार ने कानून के पिछले संस्करण के तहत पार्टी की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।
राजनीतिक दल यूनुस पर अगले चुनाव की तारीख घोषित करने का दबाव डाल रहे हैं।
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.