नई दिल्ली: एक प्रतीकात्मक एकजुटता दिखाते हुए, बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने मिलकर जन्माष्टमी समारोह में हिस्सा लिया, जहां सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-जमान ने देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को दोहराया और सभी धार्मिक समुदायों की रक्षा का वादा किया.
जनरल ज़मान ने शनिवार को ढाका में एक सभा में (बांग्ला में दिए गए) भाषण में कहा, “यह देश सभी का है. यहां धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा. आप इस देश में बिना डर के रहेंगे. हम हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे.”
जनरल ज़मान, नौसेना प्रमुख एडमिरल एम. नज़मुल हसन और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल हसन महमूद खान ने पलाशी चौराहे पर केंद्रीय जन्माष्टमी उत्सव और शोभायात्रा में हिस्सा लिया.
9वीं इन्फैंट्री डिवीज़न के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एमडी मोइन खान के साथ उनकी संयुक्त मौजूदगी को हिंदू समुदाय के नेताओं ने अभूतपूर्व और ऐतिहासिक कदम बताया, स्थानीय अखबारों के अनुसार.
ढाकेश्वरी मंदिर प्रांगण से दिए गए ये बयान, जो हिंदू समुदाय के लिए प्रतीकात्मक स्थल है, और भी अहम माने गए क्योंकि यह संदेश उस समय आया जब पिछले साल अगस्त में अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस की नियुक्ति के बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाएँ सामने आई थीं.
जनरल ज़मान ने सेना की मौजूदगी को बांग्लादेश की बहुलतावादी पहचान की रक्षा के व्यापक वादे का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, “हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, पहाड़ी लोग और बंगाली, हम सब सदियों से शांति से साथ रहते आए हैं. आप हमसे जो भी मदद और सहयोग चाहेंगे, इंशा’अल्लाह हम देंगे.”
एडमिरल हसन ने भी यही भावनाएँ दोहराईं और कहा कि जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि “शांति, सद्भाव और मानवता का संदेश है.” भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का ज़िक्र करते हुए एडमिरल ने न्याय, समानता और पीड़ितों के साथ एकजुटता पर ज़ोर दिया.
उन्होंने कहा, “हमारी क़ानून व्यवस्था और सशस्त्र बल सभी धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं. दुनिया को इस जन्माष्टमी शोभायात्रा से यह देखना चाहिए कि बांग्लादेश सौहार्द की भूमि है.”
एयर चीफ़ मार्शल खान ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए अपने बचपन की याद दिलाई, जब वे पुराने ढाका में ऐतिहासिक जॉयकाली मंदिर के पास पले-बढ़े. उन्होंने कहा, “मैं हिंदू और ईसाई दोस्तों के साथ बड़ा हुआ. बचपन से हमने कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया.” उन्होंने कहा, “इस एकता को बनाए रखना ज़रूरी है, यही शांति और तरक्की के लिए आवश्यक है.”
इससे पहले, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने जन्माष्टमी के अवसर पर हिंदू समुदाय को शुभकामनाएँ दीं और आशा जताई कि भगवान कृष्ण की शिक्षाएं “आपसी सद्भाव और भाईचारे” को बढ़ावा देंगी और देश के “मौजूदा व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द” को बनाए रखेंगी.
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