नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘इस्लामोफोबिया और इस्लाम के खिलाफ घृणा’ फैलाने वाले पोस्ट पर बैन लगाने को कहा है. अपने खत में खान ने कहा कि फेसबुक पर ऐसे कंटेंट के लिए भारत और फ्रांस जिम्मेदार हैं.
खत में लिखा है, ‘मैं बढ़ते इस्लामोफोबिया की तरफ आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं जो पूरी दुनिया में घृणा, अतिवाद और हिंसा को बढ़ावा दे रहा है और ये खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए हो रहा है, इसमें फेसबुक भी शामिल है.’
खान ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी और तब्लीगी जमात प्रकरण का हवाला दिया जिसमें भारत में कोविड के बढ़ते मामलों के लिए एक समुदाय को दोषी ठहराया गया.
खत में लिखा है, ‘मुस्लिम विरोध कानून और सीएए-एनआरसी जैसे कदम के साथ मुस्लिमों की हत्या और कोरोनावायरस के लिए मुस्लिमों को दोष देना, भारत में इस्लामोफोबिया को दर्शाता है.’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर सीएए पर आपत्ति जताई है और नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘हिंदूवादी एजेंडा’ का आरोप लगाया है.
जम्मू-कश्मीर का उल्लेख करते हुए खान ने आरोप लगाया कि मुस्लिमों के खिलाफ भारत जैसे देश में ‘अत्याचार’ जारी है. खान ने कहा कि ये सब भेदभाव और पूर्वाग्रह को दर्शाता है जो कि ‘कट्टरपंथ को बढ़ावा’ देगा.
यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव में दलित वोटर एक्स फैक्टर होंगे- वे यूपी की तरह वोट नहीं करते
फेसबुक पर इस्लामोफोबिया बैन हो: इमरान खान
खान ने फेसबुक से इस्लामोफोबिक पोस्ट की निगरानी करने का आह्वान किया है जैसे कि उसने होलोकॉस्ट पर कंटेंट के लिए किया है.
उन्होंने खत में लिखा, ‘सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मुसलमानों के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार को देखते हुए, मैं आपसे इस्लामोफोबिया पर प्रतिबंध लगाने और इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने वाले कंटेंट पर बैन लगाने के लिए कहूंगा जैसा आपने होलोकॉस्ट के लिए किया है.’
खान का पत्र एक फ्रांसीसी शिक्षक की निंदा के मद्देनज़र आया है जिसने कथित रूप से अपने छात्रों को पैगंबर का चित्रण करने वाले कार्टून दिखाए थे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रां पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वो ‘मुस्लिमों को उकसा’ रहे हैं. फ्रेंच शिक्षक की हत्या के बाद मैक्रां ने इस्लाम को बतौर धर्म संकट में बताया था.
Hallmark of a leader is he unites human beings, as Mandela did, rather than dividing them. This is a time when Pres Macron could have put healing touch & denied space to extremists rather than creating further polarisation & marginalisation that inevitably leads to radicalisation
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 25, 2020
खान ने फेसबुक को लिखे अपने खत में भी फ्रांस की आलोचना की है.
उन्होंने कहा, ‘फ्रांस में, इस्लाम आतंकवाद के साथ जुड़ा हुआ है और इस्लाम को निशाना बनाने वाले ईश निंदा कार्टून और हमारे पवित्र पैगंबर के प्रकाशन को अनुमति दी गई है.’
रॉयटर्स के मुताबिक, फेसबुक की प्रवक्ता ने खान के खत के जवाब में कहा कि कंपनी हर तरह के नफरत के खिलाफ है और वो नस्ल, जातीयता, राष्ट्रीय मूल या धर्म के आधार पर हमलों की अनुमति नहीं देता है.
प्रवक्ता ने ई-मेल द्वारा अपने बयान में कहा, ‘जैसे ही हम इसके बारे में जानते हैं, हम इस हेट स्पीच को हटा देंगे.’ साथ ही कंपनी ने ये भी कहा है कि इस पर अभी ‘बहुत कुछ किया जाना बाकी’ है.
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: हिंदुराव के डॉक्टरों को सैलरी न मिलने के विरोध में दिल्ली के 27 अस्पतालों में 2 घंटे के लिए कल होगा ‘पेन डाउन’