नई दिल्ली: खतरनाक कोरोना वायरस से अब तक चीन में 425 लोगों की जान जा चुकी है. इसकी वजह से पूरी दुनिया में डर और चिंता का माहौल है लेकिन इसने एशियाई लोगों के खिलाफ नस्लवाद को भी बढ़ावा दिया है.
एशियाई लोग ट्विटर पर लिख रहे हैं कि ‘चीनी लोगों की खांसी’ से कैसे बचें और वे ‘वास्तविक कोरोना वायरस का मुकाबला करने की तुलना में नस्लवाद के बारे में ज्यादा चिंतित हैं.’
I find myself washing my hands more & not sharing food because I worry that if I catch even a cold, people will assume it’s the coronavirus. Yes, I am more concerned about racism than catching the actual coronavirus.
— Nancy Wang Yuen (@nancywyuen) February 1, 2020
Fellow Asians, brace yourselves for racist, fear-mongering garbáge as news and misinformation of coronavirus fly across the timeline. “Yellow Peril” has been a thing in Canada — and other Western countries — and yes; people have asked me if I eat bats. https://t.co/C0SYHosqp5
— Evy Kwong 鄺文詠 (@EVYSTADIUM) January 28, 2020
the amount that racism against asians is normalized in society is so fucked up and you can see it with the xenophobic mess that are coronavirus jokes. the deaths of individuals is not a laughing matter, and your blatant racism isn’t funny either.
— maia (@mxmtoon) January 29, 2020
कनाडा में, एक महिला ने बताया कि कैसे उसके बच्चे (जो मूल रूप से चीनी नहीं है) को स्कूल में उन छात्रों द्वारा परेशान किया गया था जो चाहते थे कि वह कोरोनो वायरस के लिए ‘परीक्षण’ कराएं.
Today my son was cornered at school by kids who wanted to “test” him for #Coronavirus just because he is half-Chinese. They chased him. Scared him. And made him cry.
I was the same age when I was bullied for being Pakistani.
It’s 2020. I thought things had changed by now… ?
— Dr. Nadia Alam (@DocSchmadia) January 30, 2020
फ्रांस में एशियाई लोगों ने भी नस्लवाद की शिकायत की
फ्रांसीसी एशियाई लोगों ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक परिवहन और नस्लवादी व्यवहार की शिकायत की. उन्होंने अपना #JeNeSuisPasUnVirus (मैं वायरस नहीं हूं) के साथ असंतोष व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
Je suis Chinois
Mais je ne suis pas un virus!!
Je sais que tout le monde a peur au virus, mais pas de préjugé, svp.#JeNeSuisPasUnVirus pic.twitter.com/38bUTNWj3t— Lou Chengwang (@ChengwangL) January 28, 2020
फ्रांसीसी समाचार पत्र ले कुरियर पिकार्ड द्वारा भड़काऊ सुर्खियों का उपयोग करने के बाद एक आक्रोश दिखा. एक चीनी महिला की फोटो के साथ (येलो अलर्ट) और (येलो पेरिल) लिखा था.
‘येलो पेरिल’ एक नस्लवादी रंग-रूपक है जिसका मतलब है कि पूर्वी एशिया के लोग पश्चिमी दुनिया के लिए एक संभावित खतरा हैं.
परेशानी महसूस होने के बाद अखबार ने बाद में माफी मांग ली थी.
Cette leçon de racisme décomplexé vous est offerte par le @CourrierPicard #coronavirus pic.twitter.com/jhcoNmsmm5
— Madjid Messaoudene (@MadjidFalastine) January 26, 2020
कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले को भी उस समय बैकलैश का सामना करना पड़ा जब एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उसने ‘सामान्य प्रतिक्रियाओं’ में से एक के रूप में ज़ेनोफोबिया को सूचीबद्ध किया. छात्रों को कोरोना वायरस के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है. विश्वविद्यालय ने बाद में पोस्ट को हटा दिया.
Confused and honestly very angry about this Instagram post from an official @UCBerkeley Instagram account.
When is xenophobia ever a “normal reaction”? pic.twitter.com/hH4AgQKluM
— Adrienne Shih (@adrienneshih) January 30, 2020
भारतीय ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने भी चीनी लोगों पर भी निशाना साधा और उन्हें प्रकोप से बचाने के लिए कुत्तों, चमगादड़ों और सांपों को खाने से रोकने के लिए कहा.
#NoMeat_NoCoronaVirus
Hello China
Stop eating meat!China is suffering the fatal effects of corona virus due to eating meat by breaking the constitution of God pic.twitter.com/vAiGEJ8Gy2
— Aditya Satlok (@AdityadasSatlok) February 2, 2020
#NoMeat_NoCoronaVirus
Non-vegetarians, especially in China, eat what they get like dogs, bats and snakes
This killing is completely contrary to the constitution of God. The result is in front of you, the whole world is afraid of Corona virus, request you all to renounce meat pic.twitter.com/2rDc73ydXD— Pawan k pareek (@Kabeerisgod) February 2, 2020
विश्व स्वास्थ्य संगठन के यह कहने के बावजूद कि वह इस प्रकोप के मद्देनज़र यात्रा प्रतिबंधों की सिफारिश नहीं करता है, 22 देशों ने अब चीन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.
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