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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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ऑस्ट्रेलिया: गलत मामले में पुलिस कार्रवाई का शिकार हुए भारतीय मूल के व्यक्ति की हालत नाजुक

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मेलबर्न, तीन जून (भाषा) ऑस्ट्रेलिया में 42 वर्षीय भारतीय मूल के एक व्यक्ति को गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा उसके गले पर कथित तौर पर घुटना रखने के बाद गंभीर हालत में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।

पुलिस अधिकारी को लगा कि व्यक्ति घरेलू हिंसा में शामिल है, जिसके बाद उसने यह कार्रवाई की।

यह घटना पिछले सप्ताह एडिलेड के पूर्वी हिस्से में रॉयस्टन पार्क के पेनहैम रोड पर हुई थी।

ऑस्ट्रेलियाटूडे डॉट कॉम समाचार पोर्टल की सोमवार को जारी खबर के मुताबिक, दो बच्चों के पिता गौरव कुंदी को गिरफ्तारी के बाद जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है, क्योंकि उन्हें मस्तिष्क क्षति होने का संदेह है।

नाइनन्यूज डॉट कॉम पोर्टल द्वारा प्राप्त घटना के वीडियो फुटेज में कुंदी को पेनहेम रोड पर जबरन ले जाया जाता है, जबकि वह और उसकी पत्नी अमृतपाल कौर जोर-जोर से उसकी बेगुनाही के बारे में बोल रही हैं।

कुंदी चिल्लाता है, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।”

वहीं कौर वीडियो बनाती है और चिल्लाती है कि पुलिस अनुचित तरीके से काम कर रही है।

जमीन पर पटके जाने के बाद कुंदी बेहोश हो जाता है।

कुंदी फिलहाल रॉयल एडिलेड अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं।

कौर ने बताया कि एक अधिकारी ने कुंदी की गर्दन को कथित तौर पर घुटने से दबाया।

गर्दन को घुटने से दबाने की यह कार्रवाई अमेरिका में 2020 में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड के मामले की याद दिलाता है। 2020 में हुई उस घटना से अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुलिस की बर्बरता व नस्लीय अन्याय के खिलाफ आक्रोश फैला था।

कौर ने नाइनन्यूज को बताया, “मैंने वीडियो रिकॉर्ड करना बंद कर दिया क्योंकि जब अधिकारी ने उस (कुंदी) पर घुटने टेके तो मैं घबरा गई थी।”

उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान कुंदी का सिर पुलिस की गाड़ी और सड़क से टकरा गया था।

कुंदी को रॉयल एडिलेड अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसके मस्तिष्क और गर्दन की नसें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं।

कौर ने कहा, “शायद अगर उनका (कुंदी का) दिमाग काम करेगा तो वह जाग जाएंगे, या शायद न भी जागें।”

पुलिस ने बताया कि कुंदी ने नशे में घर से निकलने के बाद गिरफ्तारी का हिंसक विरोध किया।

पुलिस के मुताबिक, दंपति के बीच कथित तौर पर बहस हो रही थी और एक गश्ती दल ने इस घटना को घरेलू हिंसा समझ लिया।

कौर ने हालांकि कहा कि उसका पति बस नशे में था और शोर मचा रहा था लेकिन उसने हिंसा नहीं की।

इस बीच, दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई पुलिस आयुक्त ग्रांट स्टीवंस ने बताया कि उनका मानना ​​है कि अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण के अनुरूप काम किया।

पुलिस ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है और पुलिसकर्मियों द्वारा शरीर पर पहने जाने वाले कैमरे की फुटेज की जांच की जा रही है।

समाचार पोर्टल के अनुसार, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पीटर मालिनौस्कास ने भी पुलिस का समर्थन करते हुए कहा कि उनका काम ‘बहुत कठिन’ है और वे समर्थन के हकदार हैं।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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