नई दिल्ली: श्रीलंका में सेना ने प्रदर्शनकारियों पर ‘क्रूरता से हमला’ करने के बाद राजधानी में राष्ट्रपति सचिवालय को अपने नियंत्रण में ले लिया.
श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर नए श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों क को नियंत्रित करने के लिए सशस्त्र सैनिकों को तैनात किया गया था.
सैनिकों ने इसके पास लगे मुख्य गोटागोगामा विरोध स्थल पर भी हमला किया और वहां लगे टंट को तोड़ दिया. इस दौरान कई विरोध नेताओं को गिरफ्तार किया और लगभग 100 प्रदर्शनकारियों के साथ क्षेत्र को घेर लिया गया है.
#WATCH | Sri Lanka: Entry to Galle Face protest site in Colombo blocked & barricaded by security personnel amid a late-night clampdown on protestors pic.twitter.com/bvALgHb5QI
— ANI (@ANI) July 21, 2022
रिपोर्टर्स के अनुसार पिछले तीन महीने से शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे गोटागोगामा प्रोटेस्ट पर सैकड़ों श्रीलंकाई सैनिकों और पुलिस ने शुक्रवार तड़के छापेमारी की और निहत्थे कार्यकर्ताओं के टेंट को तोड़ना शुरू कर दिया.
सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बीच एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘रानिल विक्रमसिंघे हमें फिर से खत्म करना चाहते हैं लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे. हम अपने देश को ऐसी घटिया राजनीति से मुक्त करना चाहते हैं.’
श्रीलंका नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद पटरी पर लौटने के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन वहां लोग अभी भी भविष्य के बारे में अनिश्चित हैं.
इस संकट के बीच देश भर में लोग कोलंबो में नए पासपोर्ट लेने या रिन्यू कराने के लिए पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं ताकि संकटग्रस्त देश से बाहर निकला जा सके.
एक शख्स ने कहा, ‘देश में न खाना है, न ही ईंधन है और न पैसा है. हम क्या करेंगे और हम कैसे जिंदा रहेंगे? मैं यहां अपना पासपोर्ट लेने और नौकरी के लिए कतर जाने के लिए हूं. लोग यहां सिर्फ इसीलिए आएं हैं.’
गौरतलब है कि रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को संसद में चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या के सामने श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. बुधवार को संसद में हुए चुनाव में उन्हें राष्ट्रपति चुना गया था.
देश में गंभीर आर्थिक उथल-पुथल के बीच पिछले हफ्ते राष्ट्रपति पद से गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद बुधवार को 134 वोटों के साथ विक्रमसिंघे देश के नए राष्ट्रपति चुने गए थे.
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