न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 11 जून (भाषा) अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि पिछले सप्ताह भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में अमेरिकी उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ से मुलाकात की।
विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि लैंडौ ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में भारत को अमेरिका के मजबूत समर्थन की पुष्टि की।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार के वैश्विक संपर्क प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका का दौरा किया। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था।
एक सवाल के जवाब में ब्रूस ने कहा कि बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में एक पाकिस्तानी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान विदेश विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें राजनीतिक मामलों की अवर सचिव एलिसन हुकर भी शामिल थीं।
हुकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की समाप्ति के लिए अमेरिका के समर्थन को दोहराया।
जब पूछा गया कि क्या अमेरिका को पाकिस्तान से कोई आश्वासन मिला है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, तो ब्रूस ने कहा कि वह उन बातचीत के विवरण पर चर्चा नहीं करने वाली।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर के मुद्दे पर ‘मध्यस्थता’ की पेशकश के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, ब्रूस ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति के दिमाग या योजनाओं के बारे में बात नहीं कर सकता। मुझे जो पता है वह यह है कि मुझे लगता है कि हम सभी मानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम में, देशों के बीच पीढ़ियों से चले आ रहे मतभेदों, पीढ़ीगत युद्ध को हल करने का प्रयास किया जाता है।’’
भारत ने पाकिस्तान के साथ जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर किसी की भी मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया है और हमेशा कहता रहा है जम्मू कश्मीर और लद्दाख हमेशा देश का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और रहेंगे।
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा
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