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गुरूवार, 3 जुलाई, 2025
होमविदेशमाली में अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने 3 भारतीयों का अपहरण किया, भारत ने कहा 'घिनौना कृत्य'

माली में अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने 3 भारतीयों का अपहरण किया, भारत ने कहा ‘घिनौना कृत्य’

2011 में लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी शासन के पतन के बाद से माली की कानून और व्यवस्था बिगड़ गई है, तथा लीबियाई हथियारों के प्रसार से ग्रेटर साहेल में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है.

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नई दिल्ली: पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में आतंकी हमलों की एक श्रृंखला के बीच तीन भारतीयों का अपहरण कर लिया गया है. भारत ने बुधवार को इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और माली सरकार से अपहृत भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की अपील की.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विदेश मंत्रालय माली गणराज्य के कायेस स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में कार्यरत तीन भारतीय नागरिकों के अपहरण पर गहरी चिंता व्यक्त करता है. यह घटना 1 जुलाई 2025 को हुई, जब सशस्त्र हमलावरों के एक समूह ने फैक्ट्री परिसर पर सुनियोजित हमला किया और तीन (03) भारतीय नागरिकों को जबरन बंधक बना लिया.”

“बमाको स्थित भारतीय दूतावास माली सरकार के संबंधित अधिकारियों, स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों और डायमंड सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधन के साथ करीबी और निरंतर संपर्क में है. मिशन अपहृत भारतीय नागरिकों के परिवारजनों के साथ भी संपर्क में है.”

रिपोर्ट्स के अनुसार, अल-कायदा से जुड़ा एक समूह—जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM)—ने 1 जुलाई को माली में हुए इन हमलों की जिम्मेदारी ली है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को सशस्त्र आतंकवादी समूहों ने देश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित कायेस, नियोरो, संदारे, गोगुई और डिबोली जैसे शहरों में माली की सेना पर समन्वित हमले किए.

माली की सेना का दावा है कि उसने इन हमलों के दौरान 80 आतंकवादियों को मार गिराया है. ये समन्वित हमले ऐसे समय हुए हैं जब हाल ही में कई स्थानीय आतंकवादी नेताओं को मार गिराया गया और इस्लामिक स्टेट इन ग्रेटर सहारा के लगभग 10 लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया.

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, “भारत सरकार इस घिनौने हिंसक कृत्य की कड़ी निंदा करती है और माली गणराज्य की सरकार से अपहृत भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आह्वान करती है. मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और भारतीय नागरिकों की सुरक्षित एवं शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर सक्रिय हैं.”

माली ग्रेटर सहेल क्षेत्र में आता है, जो अफ्रीका में सेनेगल से इरिट्रिया तक फैला है, और जहां 2011 में लीबिया के पतन के बाद से कट्टरपंथ का संकट जारी है.

लीबिया से हथियारों की बढ़ती तस्करी के चलते इस क्षेत्र में कई आतंकी समूह सक्रिय हो गए हैं. यह क्षेत्र अब भी उप-सहारा अफ्रीका से यूरोप की ओर भूमध्य सागर के रास्ते प्रवास करने वाले अफ्रीकी प्रवासियों के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट बिंदु बना हुआ है.

2021 में माली में एक सैन्य जुंटा के सदस्य असीमी गोइटा ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तब से चुनावों को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है और फ्रांस के साथ एक सुरक्षा समझौते से बाहर हो गए हैं. फ्रांस की आतंकवाद विरोधी मिशन 2022 तक माली में सक्रिय थी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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