स्टॉकहोम (स्वीडन) : भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और उनकी फ्रांसीसी-अमेरिकी पत्नी एस्थर डुफ्लो ने अपने सहयोगी माइकल क्रेमर के साथ मिलकर वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए अपने काम के लिए मंगलवार को आर्थिक विज्ञान में 2019 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया, जिससे लाखों बच्चों को प्रायोगिक दृष्टिकोण से मदद मिली है. उनको यह पुरस्कार सिद्धांत के बरख्श व्यावहारिक कदम सुझाने के लिए दिया गया है.
अभिजीत बनर्जी अपने बंगाली मूल के एक सफेद सोने की बॉर्डर वाली धोती और बंद गले की काली बनियान के साथ अमेरिका के अर्थशास्त्रियों के साथ दिखे. उनकी पत्नी डुफ्लो पुरस्कार समारोह में एक साड़ी और लाल ब्लाउज में भारतीय पोशाक में थीं और लाल बिंदी लगा रखी थीं. यह कार्यक्रम स्टॉकहोम कॉन्सर्ट हॉल में आयोजित किया गया.
नोबेल पुरस्कार समिति ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले बनर्जी, डफ्लो और क्रेमर का एक छोटा से वीडियो एक ट्वीट किया है.
इसमें लिखा है, ‘अभिजीत बैनर्जी, एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर ने आज #NobelPrize पुरस्कार समारोह में अपने पदक और डिप्लोमा प्राप्त किए. बधाई! उन्हें वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए आर्थिक विज्ञान में 2019 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.’
बनर्जी ने1983 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया. उसके बाद 1988 में वो इसी विषय में पीएचडी करने के लिए हावर्ड विश्वविद्यालय चले गए.
58 वर्षीय अभिजीत कोलकाता में जन्मे हैं और वर्तमान में वो एमआईटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं. एस्थर डुफ्लो अर्थशास्त्र का नोबेल जीतने वाली दूसरी महिला हैं.