ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश में शनिवार को झालाकाथी उपाजिला के छत्रकंडा क्षेत्र में एक तालाब में बस के गिरने से तीन बच्चों से समेत कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है जबकि 35 अन्य घायल हैं, द डेली स्टार ने यह खबर दी है.
पीड़ितों ने इस हादसे के लिए ड्राइवर की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. उनका यह भी कहना है कि बस ज्यादा यात्री होने से ओवरलोडेड हो गई थी, जिससे संभवत: यह हादसा हुआ. “बशर स्मृति परिबाहन” की बरिशाल जाने वाली बस, जो अपनी 52 यात्रियों की क्षमता से ज्यादा 60 यात्रियों को लेकर जा रही थी, सुबह करीब 9:00 बजे पिरोजपुर के भंडरिया से निकली और करीब 10:00 बजे बरिशाल-खुलना राजमार्ग पर छत्रकंडा में सड़क किनारे तालाब में गिर गई.
एक पीड़ित मोहम्मद मोमिन ने कहा, “मैं भंडारिया से बस में चढ़ा. बस यात्रियों की भीड़ से भरी थी. उनमें से कुछ तो किनारे गलियारे पर खड़े थे. मैंने ड्राइवर को सुपरवाइजर से बात करते हुए देखा. अचानक, बस सड़क से नीचे आई और दुर्घटनाग्रस्त हो गई.”
मोमिन ने कहा, “सभी यात्री बस के अंदर फंस गए. यह ओवरलोडेड थी, बस तुरंत डूब गई. मैं किसी तरह बस से बाहर निकलने में कामयाब हो गया.” डेली स्टार ने यह खबर दी है.
पुलिस ने कहा कि इनमें ज्यादातर पीड़ित पिरोजपुर के भंडारिया उपजिला और झालकाथी के राजापुर क्षेत्र के रहने वाले हैं.
बांग्लादेश में बस दुर्घटना आम बात है. रोड सेफ्टी फाउंडेशन (आरएसएफ) के मुताबिक, जून में कुल 559 हादसे हुए हैं. इन हादसों में दावा किया कि कुल 562 लोग मारे गए हैं और 812 लोग घायल हुए हैं.
बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 169 लोगों की मौत 207 मोटरसाइकिल हादसों में हुई है, जो कि कुल मौतों 33.75 प्रतिशत है, ढाका ट्रिब्यून ने यह खबर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से 78 महिलाएं हैं और 114 बच्चे शामिल हैं.
हालांकि, 9 लोगों की मौत पानी के रास्ते यात्रा के दौरान हुई है जबकि 7 लोग लापता हुए हैं, जबकि इसी अवधि में 21 रेल हादसों में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं और 11 लोग घायल हुए हैं, ढाका ट्रिब्यून ने ये जानकारी दी है.
इसके अलावा, इस अवधि के दौरान, कम से कम 38 जानवर हादसों में मारे गए हैं.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही, 99 पैदल यात्री रोड हादसों में मारे गए हैं जो कि कुल मौतों में से 19.18 प्रतिशत है. 76 ड्राइवर और उनके सहयोगी इस दौरान मारे गए हैं जो कि कुल मौतों का 14.72 प्रतिशत है.
रोड सेफ्टी फाउंडेशन विश्लेषण के मुताबिक, सबसे ज्यादा 247 (44.18 प्रतिशत) हादसे क्षेत्रीय सड़कों पर हुए हैं, 182 (32.55 प्रतिशत) राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुए हैं, 59 (10.55 प्रतिशत) हादसे ग्रामीण सड़कों पर हुए हैं, और 3 (0.53 प्रतिशत) शहरी सड़कों पर हुए हैं.
यह भी पढे़ं : भारत सबसे तेज अर्थव्यवस्था के ठप्पे में न उलझे, आर्थिक सफलताओं पर ध्यान दे