कोलंबो, सात फरवरी (भाषा) श्रीलंका के उत्तरी जाफना प्रायद्वीप की एक अदालत ने जिन 56 भारतीय मछुआरों को रिहा करने का पिछले महीने आदेश दिया था, उन्हें कोविड-19 संबंधी पृथकवास अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को यहां एक आव्रजन हिरासत केंद्र में स्थानांतरित किया जाएगा। कारागार प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी।
कारागार अधीक्षक एवं प्रवक्ता चंदना एकनायके ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भारतीय मछुआरों ने 25 जनवरी को अपनी रिहाई के बाद उत्तरी प्रांत के इयाक्काच्ची में जेल द्वारा संचालित कोविड-19 पृथक-वास केंद्र में पृथक-वास की अवधि पूरी कर ली है।
एकनायके ने कहा, ‘‘उनमें में कुछ मछुआरे संक्रमित पाए गए थे और अब उनके पृथक-वास की अवधि पूरी हो गई है।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें सोमवार को कोलंबो में एक आव्रजन हिरासत केंद्र में ले जाया जाएगा।
एक अदालत ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा दिसंबर में हिरासत में लिए गए 56 मछुआरों को रिहा करने का 25 जनवरी को आदेश दिया था।
श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पीरिस की भारत यात्रा के दौरान मछुआरों संबंधी मामले पर बात होनी तय है। पीरिस रविवार को वार्ता के लिए नयी दिल्ली पहुंचे थे।
इन मछुआरों को दो अलग-अलग दिनों पर गिरफ्तार किया गया था और मछलियां पकड़ने की उनके 10 नौकाओं को भी जब्त कर लिया गया था।
मछुआरों की रिहाई का अदालत का आदेश ऐसे समय आया, जब आर्थिक सहायता वार्ता की पृष्ठभूमि में भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंका से उन्हें मानवीय आधार पर रिहा करने का आग्रह किया था।
भारत ने इसी महीने श्रीलंका को उसके सबसे खराब विदेशी मुद्रा संकट से निपटने में मदद के लिए आर्थिक राहत पैकेज देने की घोषणा की है।
इस बीच, उत्तरी मत्स्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि एक फरवरी को गिरफ्तार किए गए 21 भारतीय मछुआरों को सोमवार को बाद में प्वाइंट पेड्रो मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा। श्रीलंकाई नौसेना ने स्थानीय मछुआरों द्वारा सतर्क किए जाने के बाद देश के क्षेत्रीय जल में अवैध शिकार करने के आरोप में 21 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था और मछली पकड़ने की उनकी दो नौकाएं भी जब्त कर ली थीं।
भारत और श्रीलंका के संबंधों में मछुआरों का मुद्दा एक अड़चन बन रहा है। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी करने और उनकी नौकाओं को जब्त कर लेने की कई कथित घटनाएं हुई हैं।
श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच पाक जलडमरूमध्य पानी की एक संकरी पट्टी है जहां मछलियां बहुतायत में मिलती हैं और दोनों देशों के मछुआरे वहां मछली पकड़ते हैं।
इस महीने की शुरुआत में श्रीलंका के वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे और विदेश मंत्री जयशंकर के बीच हुई बातचीत में भी मछुआरों का मुद्दा उठा था।
भाषा सिम्मी प्रशांत
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