नई दिल्ली: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कथित तौर पर 40,000 टन से अधिक रूस से आयातित गेहूं की चोरी करने के आरोप में पाकिस्तान के 67 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निलंबित कर दिया गया है. पाकिस्तानी दैनिक द न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 जिलों में स्थित सरकारी गोदामों से अनाज चोरी हो गया है.
निलंबित अधिकारियों में 49 खाद्य पर्यवेक्षक और 18 खाद्य निरीक्षक शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर इन रसद केंद्रों के कर्मचारियों की मदद से अनाज चुराया था. यह मामला पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट और भोजन की कमी के बीच आया है, जिसके कारण गेहूं के आटे की कीमतें बढ़ गई हैं.
50,000 टन गेहूं लेकर एक रूसी जहाज मार्च की शुरुआत में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पहुंचा था. डॉन अखबार के मुताबिक, रूस आने वाले दिनों में नौ मालवाहक जहाजों के जरिए पाकिस्तान को 4,50,000 टन गेहूं की आपूर्ति करने वाला है. इस 50,000 टन में से लगभग 40,392 टन की चोरी हो चुकी है, जिन 10 गोदामों से अनाज की चोरी हुई है, वे दादू, लरकाना, शहीद बेनजीराबाद, कंबर-शाहदादकोट, जैकबाबाद, खैरपुर, सुक्कुर, घोटकी, संगर और मीरपुरखास जिलों में स्थित हैं.
सिंध खाद्य विभाग ने आरोपी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजकर उनसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि उन्हें नौकरी से क्यों बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए.
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन से आपूर्ति बाधित होने के कारण पाकिस्तान का रूस से गेहूं आयात 8 गुना तक बढ़ गया है क्योंकि रूस 2021-22 के दौरान पड़ोसी देश को प्राथमिक गेहूं आपूर्तिकर्ता था, जिसका आयात 13 लाख टन तक पहुंच गया था. ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी (ओईसी) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में पाकिस्तान ने 1.01 बिलियन डॉलर का गेहूं आयात किया, जिसमें से 496 मिलियन डॉलर का गेहूं यूक्रेन से आया जबकि 394 मिलियन डॉलर का अनाज रूस से आया था, लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि गेहूं का संकट आपूर्ति की कमी से अधिक वितरण की बाधाओं के कारण है.
पंजाब और सिंध पाकिस्तान में दो सबसे अधिक गेहूं उत्पादक राज्यों में से हैं और जारी खाद्य संकट के कारण, दोनों राज्यों में गेहूं का आटा 145 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम और पाकिस्तानी रुपये 160 प्रति किलोग्राम के बीच बिक रहा है. पाकिस्तान वर्तमान में 2.37 मिलियन मीट्रिक टन की शुद्ध गेहूं की कमी का सामना कर रहा है, जिसका अर्थ है कि देश अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए कम उत्पादन कर रहा है. इस साल, पाकिस्तान सरकार ने घोषणा की थी कि वह 2.6 मिलियन मीट्रिक टन अनाज का आयात करेगी.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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