नई दिल्ली: प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक नए सर्वेक्षण में पाया गया है कि अधिकांश इजरायली मानते हैं कि गाजा में हमास के खिलाफ तेल अवीव की सैन्य प्रतिक्रिया लगभग सही रही है या पर्याप्त नहीं रही है.
इस साल 3 मार्च से 4 अप्रैल के बीच आयोजित इस सर्वेक्षण में 1,001 इजरायलियों की प्रतिक्रियाएं दर्ज की गईं, जिसमें यह भी बताया गया कि फिलिस्तीनी और इजरायली राज्य के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए समर्थन जो एक दशक पहले 50 प्रतिशत था वह अब गिरकर 26 प्रतिशत रह गया है.
प्यू ने पूर्वी येरुशलम, पश्चिमी तट या गाजा पट्टी के वयस्कों का सर्वेक्षण नहीं किया. सर्वेक्षण के अनुसार, ज़्यादातर इज़रायली (60 प्रतिशत) इज़रायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति ने संभालने की कोशिश की उससे असहमत हैं. युद्ध के प्रति उनके दृष्टिकोण को सिर्फ़ 39 प्रतिशत लोग ही स्वीकार करते हैं.
7 अक्टूबर, 2023 को, 2007 से गाजा पर नियंत्रण रखने वाला उग्रवादी संगठन हमास ने इज़रायल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 इज़रायली मारे गए और 250 नागरिकों का अपहरण कर लिया गया. जवाब में इज़रायली सेना ने हवाई हमले किए और गाजा पर ज़मीनी हमला किया. गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इज़रायल की जवाबी कार्रवाई में लगभग 36,000 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं.
सर्वेक्षण में शामिल इज़रायली लोगों में से लगभग 39 प्रतिशत का मानना है कि तेल अवीव की सैन्य जवाबी कार्रवाई सही रही है, जबकि लगभग 34 प्रतिशत का मानना है कि हमास के खिलाफ़ ऑपरेशन जितना होना चाहिए था उतना नहीं हुआ. सर्वेक्षण में शामिल इज़रायली वयस्कों में से लगभग 19 प्रतिशत का मानना है कि सैन्य कार्रवाई काफी ज्यादा हो गई है.
हालांकि, इजरायल की सैन्य कार्रवाई को लेकर समर्थन यहूदी इजरायलियों और अरब इजरायलियों के बीच विभाजित है. अरब इजरायलियों में से लगभग 74 प्रतिशत का मानना है कि तेल अवीव की सैन्य प्रतिक्रिया बहुत आगे बढ़ गई है. प्यू सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 4 प्रतिशत यहूदी इस कथन से सहमत हैं.
इजरायल की सैन्य प्रतिक्रिया के लिए समर्थन या आलोचना भी वैचारिक आधार पर विभाजित है.
राजनीतिक दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लगभग 52 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सैन्य कार्रवाई अपर्याप्त रही है, जबकि राजनीतिक केंद्रीय विचारधारा वाले 24 प्रतिशत इजरायली इस भावना से सहमत हैं और वामपंथी विचारधारा वाले केवल 9 प्रतिशत लोग ऐसा ही मानते हैं.
इसकी तुलना में, वामपंथी विचारधारा वाले 55 प्रतिशत लोगों का मानना है कि तेल अवीव की जवाबी कार्रवाई बहुत आगे बढ़ गई है, इस भावना से केंद्रीय विचारधारा वाले 15 प्रतिशत और दक्षिणपंथी विचारधारा वाले 5 प्रतिशत लोग सहमत हैं.
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इजरायल और फिलिस्तीन का भविष्य
दस में से चार इज़रायली मानते हैं कि युद्ध की समाप्ति के बाद गाज़ा पर तेल अवीव का शासन होना चाहिए. लगभग 18 प्रतिशत इजरायली वयस्कों का मानना है कि गाज़ा पट्टी पर महमूद अब्बास (अबू माज़ेन) के साथ या उसके बिना फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) का शासन होना चाहिए.
लगभग 14 प्रतिशत इजरायली वयस्कों का मानना है कि गाजा के लोगों को खुद ही फैसला करना चाहिए.
इज़रायल और फिलिस्तीन के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास 2013 में 50 प्रतिशत से गिरकर 2024 में 26 प्रतिशत रह गया है. सबसे तेज़ गिरावट यहूदी इजरायलियों के बीच देखी गई है. 2013 में 46 प्रतिशत यहूदी इज़रायली मानते थे कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व संभव है, पर 2024 आते-आते सिर्फ 19 प्रतिशत यहूदी इज़रायलियों का मानना है कि शांति सह-अस्तित्व संभव है. दस में से पांच इजरायलियों का मानना है कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीन और इज़रायल के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व संभव नहीं है.
हालांकि, अरब इजरायलियों के बीच, दोनों राज्यों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास 2023 में 41 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 49 प्रतिशत हो गया है. 2013 में, 74 प्रतिशत अरब इजरायलियों का यह विचार था.
जो लोग मानते हैं कि दोनों राज्य शांतिपूर्ण तरीके से सह-अस्तित्व में रह सकते हैं, उनमें से अधिकांश (56 प्रतिशत) गाजा और वेस्ट बैंक दोनों को शामिल करते हुए एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की कल्पना करते हैं.
राजनेताओं की रेटिंग
सर्वेक्षण में इजरायली युद्ध कैबिनेट के तीन सदस्यों – प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता बेनी गैंट्ज़ के लिए लोकप्रिय समर्थन के बारे में भी विचार किया गया.
लगभग दस में से छह (58 प्रतिशत) इज़रायली नेतन्याहू के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. तुलनात्मक रूप से, गैलेंट तीनों में सबसे लोकप्रिय हैं, 61 प्रतिशत इजरायली उनके पक्ष में हैं, जबकि मध्यमार्गी गैंट्ज़ की अनुकूलता रेटिंग 51 प्रतिशत है.
इज़राइली जनता के बीच नेतन्याहू की अनुकूलता 2013 में प्यू द्वारा पहली बार यह सवाल पूछे जाने के बाद से सबसे कम है. यह अनुकूलता 2013 में 56 प्रतिशत से गिरकर वर्तमान में 41 प्रतिशत हो गई है.
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि युद्ध मंत्रिमंडल के तीन सदस्यों के लिए समर्थन इज़रायल में अरबों और यहूदियों के बीच विभाजित है. जबकि 74 प्रतिशत यहूदियों की गैलेंट के बारे में अनुकूल राय है, केवल 9 प्रतिशत अरबों की यही राय है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि गैलेंट ने मौजूदा संघर्ष के दौरान गाजा की “पूर्ण घेराबंदी” का आह्वान किया था, जिसमें घिरे हुए लोगों के लिए भोजन, पानी और बिजली की पहुंच को काटना भी शामिल था.
केवल 7 प्रतिशत अरबों की नेतन्याहू के बारे में अनुकूल राय है, जबकि 51 प्रतिशत यहूदी नेतन्याहू के लिए अनुकूलता महसूस करते हैं. गैंट्ज़ एकमात्र ऐसे राजनेता हैं जिनके समर्थन में अरब इज़राइलियों और यहूदी इज़राइलियों दोनों का ही कम अंतर है यानि कि गैंट्ज़ को अरब इज़रायलियों का 30 प्रतिशत और यहूदी इज़रायलियों का 56 प्रतिशत समर्थन प्राप्त है.
प्यू सर्वेक्षण में पाया गया कि इज़रायल में बाइडेन के लिए समर्थन भी एक साल पहले के 68 प्रतिशत से गिरकर 2024 में 57 प्रतिशत हो गया है. इज़रायल में बाइडेन के सबसे कट्टर समर्थक वैचारिक दक्षिणपंथी (61 प्रतिशत) हैं. वामपंथियों (48 प्रतिशत) वैश्विक मामलों को संभालने को लेकर उनके बारे में काफी कम आश्वस्त हैं.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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