वाशिंगटन: अमेरिका के शीर्ष तीन सीनेटरों ने बाइडन प्रशासन से भारत को कोविड-19 सहायता तेज़ करने का आग्रह करते हुए कहा कि दक्षिण एशियाई देश में कोरोना वायरस के रोजाना तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं और मुल्क की स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था इस स्थिति से निपटने में जद्दोजहद कर रही है.
संकट से निपटने के वास्ते भारत की मदद के लिए हाल में उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए तीन सीनेटरों ने विदेश मंत्री टॉनी ब्लिंकन को लिखे पत्र में यह भी आग्रह किया है कि प्रशासन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ‘कोवैक्स’ योजना में मजबूत योगदान देना जारी रखे और इस बात की एक विस्तृत योजना बनाए कि अमेरिका टीके के अपने अधिशेष का वितरण कैसे कर सकता है.
सीनेटर मार्क वार्नर, जॉन कॉर्निन और रॉन पोर्टमैन ने चीन और रूस जैसे देशों के टीकों के संबंध में दुष्प्रचार अभियान को लेकर चेताया भी है और गुजारिश की है कि इस तरह के प्रचार का मुकाबला करने के लिए प्रशासन को वह सब करना चाहिए जो वह कर सकता है.
वार्नर और कॉर्निन सीनेट भारत कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं. वार्नर डेमोक्रेटिक पार्टी से आते हैं जबकि कॉर्निन और पोर्टमैन विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी से आते हैं.
चिट्ठी में लिखा गया है कि भारत में कोरोना वायरस के तीन लाख से अधिक मामले रोज़ आ रहे हैं और इतने मरीजों के पैदा हो रही चुनौती से निपटने में भारत की स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था और बुनियादी ढांचा संघर्ष कर रहा है.
तीनों सीनेटरों ने लिखा, ‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि जल्द से जल्द भारत में अधिक जीवन रक्षक उपकरण, टीके और अन्य मदद भेजने के लिए रक्षा विभाग और अन्य अमेरिकी एजेंसियों तथा हमारे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों एवं निजी क्षेत्रों के साझेदारों के साथ मिलकर काम करें.’
उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारतीय सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए और वायरस के स्वरूपों को फैलने से रोकने और भारत के लोगों की सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अगुवाई जारी रखनी चाहिए.