(सज्जाद हुसैन)
नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) पाकिस्तानी सांसद सिविल सेवा नियमों में संशोधन प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जो शीर्ष सरकारी अधिकारियों को दोहरी राष्ट्रीयता रखने से रोकेगा। इस पहल से 20 हजार से अधिक नौकरशाह प्रभावित हो सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी।
पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम 1951 स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के नागरिकों को दोहरी राष्ट्रीयता रखने की अनुमति देता है। वर्तमान में दोहरी नागरिकता वाले पाकिस्तानियों को सार्वजनिक पद रखने, चुनाव लड़ने या सेना में शामिल होने से प्रतिबंधित किया गया है।
सितंबर 2012 में एक फैसले में, देश की शीर्ष अदालत ने 11 सांसदों को पद ग्रहण करने पर अपनी दोहरी राष्ट्रीयता का खुलासा करने में विफल रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।
सिविल सेवा नियमों संशोधन का प्रस्ताव सांसद अफनान उल्लाह खान द्वारा पेश सिविल सर्वेंट्स (संशोधन) विधेयक, 2021 पर बृहस्पतिवार को हुई चर्चा के दौरान मंत्रिमंडलीय सचिवालय से संबंधित सीनेट की स्थायी समिति के समक्ष भेजा गया है। यह प्रस्ताव 17 जनवरी को लाया गया था।
समाचार पत्र ‘डॉन’ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, प्रस्तावित संशोधन लोक सेवकों को दोहरी राष्ट्रीयता रखने से प्रतिबंधित करता है और दोहरी नागरिकता वाले लोक सेवकों की दोहरी नागरिकता के लिए एक समय सीमा निर्धारित करता है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अली मोहम्मद खान का मानना है कि सरकारी अफसरों को अपनी सेवा के दौरान दोहरी राष्ट्रीयता नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि एक व्यक्ति एक ही वक्त पर दो देशों के प्रति वफादार नहीं हो सकता।
दोहरी राष्ट्रीयता पर पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में पेश हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 हजार से अधिक शीर्ष सरकारी अधिकारी दोहरी राष्ट्रीयता रखते हैं। न्यायालय को दी गयी रिपोर्ट के अनुसार 11000 अधिकारी पुलिस और नौकरशाही से जुड़े हैं।
भाषा
सुरेश पवनेश
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