नई दिल्ली: केन्या के स्थानीय मीडिया ने बताया है कि वहां दो भारतीय नागरिकों का गायब होना दोबारा से निर्वाचित राष्ट्रपति विलियम रुतो के समर्थन की वजह से उनके अपहरण का मामला हो सकता है.
दिप्रिंट को पता चला है कि भारत सरकार पहले ही केन्या अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठा चुकी है और मामले की जांच की मांग कर चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली को नैरोबी से अभी जवाब मिलना बाकी है.
जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व मीडिया कार्यकारी जुल्फिकार अहमद खान, साथी भारतीय मोहम्मद जैद सामी किदवई और स्थानीय टैक्सी ड्राइवर निकोडेमस मवानिया 24 जुलाई से केन्या में लापता हैं.
शनिवार की देर रात ट्विटर पर एक भावुक अपील में, खान के दोस्त और शेफ किशी अरोड़ा ने लिखा, ‘मेरे दोस्त जुल्फिकार, पूर्व एसवीपी स्टार टीवी और बालाजी के सीओओ केन्या से 70 दिनों से अधिक समय से लापता होने के बारे में सुनकर दिल टूट गया. केन्याई दूतावास की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है. भारत सरकार से अनुरोध है कि इसे मजबूती से उठाएं और उन्हें घर लाएं.’
Heartbroken to hear my friend @zakzulfi , Ex SVP Star TV & COO of Balaji missing for over 70 days from Kenya. No concrete response from Kenyan embassy. Request GOI to take this up strongly and bring him home. @pmoindia @drsjaishankar @meaindia@KenyaDelhi @IndiainKenya
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केन्याई मीडिया हाउस द स्टार और द संडे स्टैंडर्ड ने दोनों अधिकारियों के साथ-साथ टैक्सी ड्राइवर के अपहरण की संभावना व्यक्त की है.
स्टैंडर्ड ने खुलासा किया कि पांच लोगों की एक पार्टी में शामिल दो भारतीय 16 अप्रैल को टूरिस्ट वीजा पर केन्या पहुंचे थे, द स्टार ने कहा कि अपहरण केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो के लिए फिर से चुनाव अभियान में सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान का नतीजा हो सकता है.
द स्टार ने बताया, ‘मोहम्मद ज़ैद सामी किदवई, जुल्फिकार अहमद खान और उनके ड्राइवर निकोडेमस मवानिया के बारे में कहा जा रहा है कि जुलाई के मध्य में ओले सेरेनी इलाके के पास उनका अपहरण कर लिया गया था और एक अज्ञात कार में ले जाया गया था.’
स्टैंडर्ड ने कहा, ‘पुलिस महानिरीक्षक को सौंपी गई एक प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि तीन लोगों को आखिरी बार 23 जुलाई की रात को वेस्टलैंड्स, नैरोबी में एक नाइट क्लब में देखा गया था. जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार, दोनों शख्स अपने ड्राइवर के साथ एक जॉइंट में ड्रिंक करते हुए कैमरे में कैद हो गए थे. वे रात करीब 11.53 बजे जॉइंट से निकले थे. जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि कार का इंजन चल रहा था, लेकिन कार में कोई नहीं था. गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी थी और सभी दरवाजे खुले हुए थे.’
उनके वकील अहमदनासिर अब्दुल्ला ने कहा कि उनके लापता मुवक्किलों को अपहरण करने वालों को ‘पुलिस अधिकारी’ माना जा रहा है , राष्ट्रीय पुलिस सेवा की आंतरिक मामलों की इकाई को 15 सितंबर को ‘जांच शुरू करने का आदेश दिया गया’ था और 21 दिनों के भीतर रिपोर्ट दी गई थी.
हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इसके बाद के हफ्तों में, भारतीय अधिकारियों को कोई और जानकारी या फिरौती की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. खान, किदवई और मवानिया का ठिकाना अज्ञात है. हालांकि, खान की आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट 21 जुलाई को मसाई मारा की यात्रा से जुड़ी है.
नयनिमा बसु के इनपुट्स के साथ
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