कोलंबो, 10 जुलाई (भाषा) श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति और संसद के कार्यकाल को स्पष्ट करने के लिए संविधान में संशोधन करने की मंजूरी देते हुए इसे केवल पांच साल तक सीमित रखने का निर्णय लिया है। सरकार ने बुधवार को यह घोषणा की।
राष्ट्रपति के कार्यकाल को लेकर विवाद उस वक्त उत्पन्न हुआ, जब निर्वाचन आयोग अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की तारीख की घोषणा करने की तैयारी कर रहा था।
श्रीलंका के संविधान में 2015 में किये गए 19वें संशोधन के अनुसार, राष्ट्रपति और संसद का कार्यकाल पहले से ही पांच वर्ष है। लेकिन समस्या अनुच्छेद 83 को लेकर थी क्योंकि इसके मुताबिक, जनमत संग्रह के जरिये कार्यकाल को पांच साल से बढ़ाकर छह वर्ष किया जा सकता है।
एक याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर यह तय करने का अनुरोध किया कि कार्यकाल पांच वर्ष का होगा या छह वर्ष का।
आयोग के प्रमुख आरएमएएल रत्नायके ने मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा इस महीने के अंत तक की जा सकती है।
भाषा धीरज सुभाष
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