पेरिस, पांच मई (भाषा) भारत और फ्रांस ने पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूती के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्रतिबद्धता जतायी है। साथ ही दोनों देशों ने इस संबंध में बढ़ती वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये पर्यावरण-हितैषी प्रौद्योगिकियां विकसित करने पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से साथ यहां वार्ता की, जिसके बाद दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि चूंकि अक्षय ऊर्जा विकास जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिये प्रमुख समाधानों में से एक है, लिहाजा भारत और फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के उद्देश्यों के प्रति अपने समर्थन को दोहराया है।
भारत और फ्रांस ने सौर ऊर्जा संसाधनों के इस्तेमाल के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिये आईएसए की कल्पना की थी। दोनों देशों के नेताओं ने इसे साल 2015 में पेरिस में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रूपरेखा सम्मेलन (यूएनएफसीसी) में पेश किया था।
बयान में कहा गया है, ”पेरिस समझौते को अपनाने और आईएसए की संयुक्त शुरुआत के सात साल बाद, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए भारत और फ्रांस की प्रतिबद्धता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है।”
भाषा
जोहेब मनीषा
मनीषा
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