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Tuesday, 19 November, 2024
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क्वाड ने जलवायु परिवर्तन पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत को माना, ‘क्यू-चैम्प’ की शुरुआत

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तोक्यो, 24 मई (भाषा) जलवायु परिवर्तन से निपटने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार करते हुए क्वाड के नेताओं ने मंगलवार को यहां क्वाड जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और न्यूनीकरण पैकेज (क्यू-चैम्प) की शुरुआत की।

‘‘क्यू-चैम्प’’ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बानीस ने दूसरी बार प्रत्यक्ष तरीके से आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के अंत में की।

चारों नेताओं के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने तथा अनुकूलन के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने सहयोग को और मजबूत करने का फैसला किया है, जो विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर चुनौतियां हैं।

संयुक्त बयान के मुताबिक, ‘‘जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की नयी रिपोर्ट में जोर दिए गए मुद्दे पर कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, हम पेरिस समझौते को दृढ़ता से लागू करेंगे और सीओपी-26 (कॉप-26) के निष्कर्षों के अनुरूप कदम उठाएंगे।’’

उन्होंने वैश्विक महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने का भी संकल्प लिया। इनमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख हितधारकों तक पहुंचना और क्षेत्र में भागीदारों द्वारा जलवायु कार्यों को समर्थन, उसे मजबूत करना और आगे बढ़ाना शामिल है।

सार्वजनिक और निजी रूप से जलवायु वित्त जुटाना और नवीन प्रौद्योगिकी के अनुसंधान, विकास और इस्तेमाल की सुविधा प्रदान करना भी है।

बयान में कहा गया, ‘‘आज हमने क्वाड जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और न्यूनीकरण पैकेज (क्यू-चैम्प) की शुरुआत की, जिसमें ‘‘अनुकूलन’’ और ‘‘न्यूनीकरण’’ प्रमुख विषय हैं।’’

‘‘क्यू-चैम्प’’ में क्वाड जलवायु कार्यकारी समूह के तहत जारी गतिविधियां शामिल हैं। इनमें हरित समुद्री परिवहन और बंदरगाहों का लक्ष्य प्रत्येक क्वाड देश की सूचना पर एक साझा ‘ग्रीन कॉरिडोर’ ढांचे का निर्माण करना, स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के विषय भी हैं।

इनमें सिडनी एनर्जी फोरम के योगदान का स्वागत करते हुए स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना भी शामिल हैं। प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देशों के साथ कार्यनीति विकसित करने के लिए जलवायु सूचना सेवाएं और आपदा जोखिम में कमी लाने के प्रयास भी किए जाने हैं। आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) के माध्यम से भी काम किए जाएंगे।

इसके दायरे में स्वच्छ ईंधन अमोनिया के क्षेत्र में नया सहयोग, कार्बन पुनर्चक्रण, पेरिस समझौते के अनुच्छेद छह के तहत ‘हाई इंटिग्रिटी कार्बन’ बाजारों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग और क्षमता निर्माण समर्थन, जलवायु-स्मार्ट कृषि, जलवायु कार्यों पर ज्ञान साझा करना तथा पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित अनुकूलन शामिल हैं।

क्वाड के नेताओं ने कहा, ‘‘क्यू-चैम्प को मूर्त रूप देने के लिए, हम अपने चार देशों के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जलवायु कार्यों के समर्थन में अपने कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय राष्ट्रों के लिए जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न भारी चुनौतियों को पहचानते हैं।’’

संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘हम जलवायु परिवर्तन पर मजबूत कार्रवाई के लिए ऑस्ट्रेलिया की नयी सरकार की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं, जिसमें 2050 तक ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कानून पारित करना और राष्ट्रीय स्तर पर योगदान दर्ज करना शामिल है।’’

भाषा आशीष संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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