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Wednesday, 20 November, 2024
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क्वाड अपने मकसद को लेकर गंभीर : बाइडन

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(वि49 शीर्षक और आमुख में बदलाव के साथ रिपीट)

तोक्यो, 24 मई (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) ‘‘केवल कुछ देर के लिए शुरू की गई पहल नहीं है, बल्कि इसका मकसद कई महत्वपूर्ण काम करना है, और यह अपने मकसद को लेकर गंभीर है।’’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समूह के चार नेता हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने के उद्देश्य से यहां आए हैं और वे मिलकर जो कोशिश कर रहे हैं, उन्हें उस पर गर्व है।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां क्वाड की आमने-सामने हुई दूसरी शिखर वार्ता में कहा कि इसके सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प न सिर्फ लोकतांत्रिक ताकतों को नयी ऊर्जा दे रहा है, बल्कि एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को प्रोत्साहित भी कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक रचनात्मक एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहा है, जिससे ‘‘वैश्विक कल्याण की दिशा में काम करने वाली एक ताकत’’ के रूप में उसकी छवि और मजबूत होगी।

प्रधानमंत्री मोदी, बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने यहां क्वाड नेताओं की सामने-सामने की दूसरी बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास तथा आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

सम्मेलन में बाइडन और किशिदा ने जहां यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध की कड़े शब्दों में निंदा की, वहीं मोदी ने इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “क्वाड ने बेहद कम समय में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर लिया है। आज, क्वाड का दायरा व्यापक है और इसका स्वरूप बेहद प्रभावी हो गया है।”

उन्होंने कहा, “हमारा आपसी विश्वास, हमारा संकल्प, लोकतांत्रिक ताकतों को नयी ऊर्जा एवं उत्साह दे रहा है। क्वाड के स्तर पर हमारा आपसी सहयोग एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है, जो हम सभी का एक साझा उद्देश्य है।”

मोदी ने कोविड-19 महामारी के बावजूद क्वाड देशों के बीच बढ़ते सहयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कोविड-19 की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हमने टीका वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने, आपदा प्रतिक्रिया और आर्थिक सहयोग की दिशा में आपसी समन्वय बढ़ाया है। यह हिंद-प्रशांत में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित कर रहा है।”

उन्होंने अपने नवनिर्वाचित ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बानीस की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर अल्बानीस का इस सम्मेलन में हिस्सा लेना क्वाड के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस बीच, बाइडन ने क्वाड नेताओं की इस बैठक को संबोधित करते हुए यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए रूस पर निशाना साधा और कहा कि वह एक संस्कृति को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है।

राष्ट्रपति बाइडन ने क्वाड शिखर सम्मेलन में मोदी का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘आपसे दोबारा आमने-सामने मिलकर खुशी हुई।’’

बाइडन ने शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा ऐसा मुक्त एवं खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने का साझा लक्ष्य है, जो अधिक समृद्ध होगा और हमारे सभी सदस्यों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा। मैं समावेशी विकास एवं साझा समृद्धि हासिल करने के लिए आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और आप सभी के साथ मिलकर काम करते रहने का इच्छुक हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिखा दिया है कि क्वाड केवल कुछ देर के लिए शुरू की गई पहल नहीं है, बल्कि इसका मकसद कई महत्वपूर्ण काम करना है। हम यहां क्षेत्र के लिए काम करने आए हैं और हम मिलकर जो कर रहे हैं, मुझे उस पर गर्व है। मैं, हमारी महत्वपूर्ण साझेदारी को आने वाले कई वर्षों में फलते-फूलते देखना चाहता हूं।’’

बाइडन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक संस्कृति को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध एक यूरोपीय मसले से कहीं अधिक है, यह एक वैश्विक मसला है।

बाइडन ने गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर वैश्विक खाद्य सुरक्षा के मामले पर कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन को अपने अनाज के निर्यात से रोके जाने से वैश्विक खाद्य संकट और गहरा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘रूस यूक्रेन के खिलाफ जब तक युद्ध जारी रखेगा, अमेरिका तब तक अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करता रहेगा।’’

बाइडन ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में क्वाड देशों के बीच साझेदारी के महत्व के बारे में बात की, लेकिन उनका अधिकतर संबोधन यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई पर केंद्रित रहा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हम अपने साझा इतिहास के एक काले अध्याय से गुजर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर और बिना उकसावे वाले युद्ध ने मानवीय तबाही मचा दी है। निर्दोष नागरिक सड़क पर आ गए हैं और लाखों शरणार्थी आंतरिक रूप से विस्थापित होने के साथ-साथ निर्वासित भी हो गए हैं।”

बाइडन ने कहा, “यह एक वैश्विक मुद्दा है। तथ्य यह है कि जब आप टीवी चालू करते हैं और देखते हैं कि रूस क्या कर रहा है तो मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। वह अब सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि हर स्कूल, हर संस्कृति, हर इतिहास संग्रहालय पर हमला कर रहे हैं।”

इस बीच, अल्बानीस ने क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार क्वाड देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अल्बानीस ने ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ग्रहण की थी। पहली बार इस शिखर वार्ता में हिस्सा लेने पहुंचे अल्बानीस का यहां मंगलवार को क्वाड नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने के बाद लंबी दूरी की उड़ान भरकर यहां आने के लिए बाइडन ने अल्बानीस की सराहना की और मजाक करते हुए कहा, ‘‘अगर आप यहां सो भी जाएं, तो कोई बात नहीं।’’

अल्बानीस ने शिखर वार्ता में कहा, ‘‘मेरी सरकार अधिक लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को प्राथमिकता देती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार आर्थिक, साइबर, ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण सुरक्षा आदि के जरिए अधिक लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण को प्राथमिकता देती है।’

उन्होंने बताया कि 2023 में अगले क्वाड सम्मेलन की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया करेगा।

अल्बानीस ने कहा, ‘‘मुझे आज तोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान किशिदा, बाइडन और मोदी से मिलने का अवसर मिला। हम क्वाड तथा एक मुक्त, खुले एवं लचीले हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। मैं 2023 में ऑस्ट्रेलिया में क्वाड नेताओं की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हूं।’’

शिखर सम्मेलन से पहले यहां सभी क्वाड नेताओं का स्वागत करने वाले किशिदा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इस प्रकार की किसी घटना की अनुमति कभी नहीं देनी चाहिए।’’

अमेरिका और अन्य सहयोगियों के अलावा जापान यूक्रेन पर रूस के हमले का मुखर आलोचक रहा है।

यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है । यह सम्मेलन ऐसे समय में भी आयोजित हो रहा है, जब चीन और क्वाड सदस्य देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इसकी वजह बीजिंग का लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार चुनौती देना और आक्रामक व्यापारिक नीतियां अपनाना है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में, भारत, अमेरिका और विश्व की कई अन्य शक्तियां स्वतंत्र, खुला एवं संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं।

बाइडन ने शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सोमवार को ‘समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप’ (आईपीईएफ) की शुरुआत की, जिसका मकसद स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने में और डिजिटल व्यापार जैसे क्षेत्रों में समान विचारधारा वाले देशों के बीच गहन सहयोग को बढ़ावा देना है।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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