(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 18 मई (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि ज्यादा जोखिम वाले लोगों, स्वास्थ्य कर्मियों, 60 साल से अधिक उम्र के लोगों या कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए एमआरएनए कोविड-19 टीके की अतिरिक्त बूस्टर खुराक लगाने का फायदा होता है।
डब्ल्यूएचओ ने टीकाकरण पर विशेषज्ञों के रणनीतिक परामर्श समूह (एसएजीई) और इसके कोविड-19 टीका कार्यसमूह के साथ कहा कि सामान्य तौर पर टीकों की प्रारंभिक खुराकों के पूरे होने के 4 से 6 महीने के अंतराल पर पहली बूस्टर खुराक लगाई जा सकती है। विशेष रूप से ओमीक्रोन के संबंध में ऐसा किया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अतिरिक्त बूस्टर खुराक लगाने की दो प्रमुख परिस्थितियां हैं। पहली उन लोगों को लगाना जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता सही से संक्रमण से लड़ नहीं पा रही और दूसरी जोखिम वाले लोगों तथा स्वास्थ्य कर्मियों को लगाना।
उसने कहा कि डब्ल्यूएचओ के आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध (ईयूएल) करने वाले कोविड टीका उत्पादों के लिए उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में टीके का असर अपेक्षाकृत कम होता है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कुछ देशों में पहली बूस्टर खुराक के बाद अतिरिक्त बूस्टर खुराक दी जा रही है। उसने कहा कि मई तक के आंकड़ों के अनुसार केवल एमआरएनए टीकों के संबंध में अतिरिक्त बूस्टर खुराक की जानकारी उपलब्ध है, अन्य टीकों की नहीं।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया के अनेक देशों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के फैलने के समय किये गये सात अध्ययनों का हवाला दिया जिनमें एमआरएनए टीके की तीसरी खुराक के चार महीने बाद चौथी खुराक लगाने का असर तीन खुराक लगवाने वाले लोगों की तुलना में देखा गया।
उसने कहा, ‘‘इन सभी अध्ययनों को समग्र रूप से देखने पर पता चला कि स्वास्थ्य कर्मियों, 60 साल से अधिक उम्र के लोगों या कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों में एमआरएनए टीके की अतिरिक्त बूस्टर खुराक के कुछ अल्पकालिक फायदे हैं।’’
भाषा वैभव नरेश
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