कोलंबो, 15 मई (भाषा) श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के खिलाफ नारे लगाने वाले ग्रामीण प्रदर्शनकारियों के हितों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
राष्ट्रपति पर देश को आर्थिक संकट से उबारने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है और प्रदर्शनकारी नौ अप्रैल से कोलंबो के ‘गाले फेस ग्रीन’ में डटे हुए हैं। विक्रमसिंघे ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे गांव के युवाओं की सुरक्षा की जाएगी और भविष्य में नीति निर्धारण के लिए उनके विचारों पर चर्चा की जायेगी।
प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि देश की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव के लिए ‘गोटा गो गामा’ आंदोलन को जारी रहना चाहिए और देश के युवाओं को जिम्मेदारी अपने हाथों में लेनी चाहिए।
गौरतलब है कि श्रीलंका में जारी जबरदस्त आर्थिंक संकट के बीच राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी लगातार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सत्ता छोड़ने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए बैठे हैं जिन पर लिखा है “गोटा गो गामा” जिसका अर्थ है “ गोटा अपने गांव वापस जाओ”।
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