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Sunday, 14 December, 2025
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के. पी. शर्मा ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री नियुक्त, सोमवार को लेंगे शपथ

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काठमांडू, 14 जुलाई (भाषा) नेपाल में सीपीएन-यूएमएल पार्टी के अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली को नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए रविवार को चौथी बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्हें चीन समर्थक माना जाता है।

ओली (72) ने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह ली है, जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई।

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने ओली को नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और नेपाली कांग्रेस गठबंधन सरकार का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

ओली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने।

राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे ओली का शपथग्रहण समारोह होगा।

शुक्रवार देर रात ओली ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया और प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा, जिस पर उनकी पार्टी से 77 तथा नेपाली कांग्रेस से 88 सदस्यों के दस्तखत थे।

सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष प्रचंड शुक्रवार को शक्ति परीक्षण के दौरान के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए थे।

पिछले हफ्ते की शुरुआत में, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सात सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि प्रधानमंत्री का शेष कार्यकाल बारी-बारी से उनके बीच साझा किया जाएगा।

देउबा और ओली के बीच एक जुलाई को हुए समझौते के अनुसार, दोनों दल 2027 में होने वाले अगले आम चुनाव तक बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे।

उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ओली सोमवार को एक छोटी मंत्रिपरिषद का गठन करेंगे।

राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी नेपाल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, जनमत पार्टी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों के भी सरकार में शामिल होने की संभावना है।

ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान नयी दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे। इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे।

इसके बाद भी वह तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की वजह से 13 मई 2021 से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे। बाद में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है।

नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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