(अमनप्रीत सिंह)
नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) युकी भांबरी ने डेविस कप में वापसी करते हुए जीत दर्ज की जबकि रामकुमार रामनाथन ने शुक्रवार को यहां एकतरफा जीत हासिल की जिससे भारत ने डेनमार्क के खिलाफ डेविस कप टेनिस विश्व ग्रुप एक प्ले आफ मुकाबले में 2-0 की बढ़त बना ली।
ग्रास कोर्ट के कम उछाल पर डेनमार्क के खिलाड़ी क्रिस्टियन सिग्सगार्ड की अहजता और गलतियों का पूरा फायदा उठाते हुए रामकुमार ने दिल्ली जिमखाना क्लब पर शुरुआती एकल मुकाबले में दुनिया के 824वें नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ 6-3 6-2 से जीत दर्ज की।
सिर्फ 59 मिनट चले मुकाबले के दौरान डेनमार्क का खिलाड़ी काफी सहज गलतियां करने के कारण 170वें नंबर के भारतीय खिलाड़ी को कोई चुनौती नहीं दे पाया।
दूसरी तरफ 2017 के बाद पहली बार डेविस कप खेल रहे युकी ने दूसरे एकल में माइकल टोर्पगार्ड को 6-4 6-4 से हराकर भारत को 2-0 से आगे कर दिया। टोर्पगार्ड ने हालांकि सिग्सगार्ड की तुलना में बेहतर सर्विस की और अच्छे शॉट लगाकर अपनी टीम की उम्मीद जगाई थी।
यह स्पष्ट था कि ग्रास कोर्ट पर डेनमार्क की मेजबानी करने की भारत की रणनीति कारगर रही और मेहमान के खिलाड़ियों को कम उछाल से निपटने में काफी परेशानी हुई।
रोहन बोपन्ना और दिविज शरण अब शनिवार को फ्रेडरिक नील्सन और योहानेस इंगिल्डसेन के खिलाफ युगल मुकाबला जीतकर भारत को निर्णायक बढ़त दिलाने की कोशिश करेंगे।
अगर भारत युगल मुकाबला जीतता है तो विश्व ग्रुप एक में अपनी जगह बरकरार रखेगा और उलट एकल बेमानी हो जाएंगे।
स्कोर लाइन के 4-1 से 5-4 होने के संदर्भ में पूछे जाने पर युकी ने जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘‘डेविस कप में अधिक महत्वपूर्ण कड़ी टक्कर देना है। आज मैंने कड़ी टक्कर दी। मैच हमेशा मेरे नियंत्रण में था। यह बस एक साथ कुछ अंक जुटाने का मामला था।’’
कप्तान रोहित राजपाल ने दोनों एकल खिलाड़ियों की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘युकी ने शीर्ष स्तर का खेल दिखाया। उसके खेल में पैनापन था। रामकुमार भी आत्मविश्वास के साथ खेला। पहले सेट में उसके खेल में पैनापन था। हम चाहते थे कि गेंद को नीचे रखें और उन्हें परेशान करें। खिलाड़ियों ने रणनीति को अच्छी तरह लागू किया। हमने 2-0 की बढ़त बनाने की योजना बनाई थी और हमने ऐसा किया। ’’
रामकुमार भी अपने प्रयास से संतुष्ट दिखे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने काफी अच्छी सर्विस की, मैं सटीक था। टीम और प्रशंसकों के समर्थन से बड़ा अंतर पैदा हुआ। मुझे सिर्फ अच्छे रिटर्न देने थे। कुछ आसान अंकों से भी राह आसान हुई।’’
टोर्पगार्ड ने पहले गेम में अपनी सर्विस गंवाने के बावजूद युकी को दबदबा नहीं बनाने दिया। टोर्पगार्ड ने चौथे गेम में युकी की सर्विस तोड़कर वापसी की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने नौवें गेम में एक बार फिर डेनमार्क के खिलाड़ी की सर्विस तोड़कर बढ़त बनाई। युकी ने इसके बाद 10वें गेम में ब्रेक प्वाइंट बचाते हुए सेट अपने नाम किया।
दूसरे सेट का पहला गेम काफी कड़ा रहा जिसमें पांच ड्यूस अंक थे। टोर्पगार्ड ने हालांकि डबल फॉल्ट के साथ अपनी सर्विस गंवाई और फिर युकी ने अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 2-0 किया।
टोर्पगार्ड ने तीसरे गेम में हाफ वॉली नेट पर मारकर युकी को 3-0 से आगे कर दिया।
युकी आठवें गेम में मैच जीतने के लिए सर्विस कर रहे थे लेकिन उन्होंने सर्विस गंवा दी और टोर्पगार्ड ने वापसी करते हुए स्कोर 1-4 से 4-5 कर दिया।
युकी ने हालांकि 10वें गेम में अपनी सर्विस बचाकर सेट और मैच जीत लिया।
इससे पहले क्रिस्टियन को अपनी सर्विस को लेकर जूझना पड़ा। उन्होंने पहले सेट के दूसरे गेम में तीन डबल फॉल्ट किए जिससे रामकुमार को ब्रेक प्वाइंट मिले लेकिन भारतीय खिलाड़ी इस मौके का फायदा नहीं उठा पाया।
रामकुमार ने रिटर्न के लिए अधिकतर समय बैकहैंड स्लाइस का इस्तेमाल किया और उनकी सर्विस भी ठोस थी। क्रिस्टियन ने चौथे गेम में 30-30 के स्कोर पर एक और डबल फॉल्ट करके रामकुमार को ब्रेक प्वाइंट दिया। भारतीय खिलाड़ी ने इस बार इसका फायदा उठाकर क्रिस्टियन की सर्विस तोड़ी।
रामकुमार से उम्मीद थी कि वह नेट पर आगे आकर अंक बनाएंगे लेकिन उन्होंने काफी मौकों पर ऐसा नहीं किया। रामकुमार को हालांकि क्रिस्टियन की गलतियों का फायदा मिला।
रामकुमार को आठवें गेम में तीन सेट प्वांट मिले लेकिन वह इनमें से किसी को भी अंक में नहीं बदल सके। उन्होंने अगले गेम में अपनी सर्विस पर पहला सेट जीता।
दूसरे सेट के तीसरे गेम में भी क्रिस्टियन ने अपनी सर्विस गंवाई। क्रिस्टियन ने डबल फॉल्ट से शुरुआत की और फिर रामकुमार ने फोरहैंड क्रॉसकोर्ट विनर लगाया। क्रिस्टियन ने रिटर्न नेट पर मारकर रामकुमार को तीन ब्रेक प्वाइंट दिए और डेनमार्क के खिलाड़ी ने तीसरे ब्रेक प्वाइंट पर बैकहैंड शॉट बाहर मारकर अपनी सर्विस गंवा दी।
इसके बाद भी क्रिस्टियन की मुसीबतों का अंत नहीं हुआ और रामकुमार ने आठवें गेम में ऐस के साथ मैच जीत लिया। वह हालांकि सातवें गेम में चार मैच प्वाइंट को भुनाने में नाकाम रहे थे।
भाषा सुधीर मोना
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