राइन-रूहर, ईसेन (जर्मनी), 26 जुलाई (भाषा) साहिल जाधव ने दबाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों के कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग में शनिवार को यहां स्वर्ण पदक जीता, जिससे भारतीय तीरंदाजों ने विश्व विश्वविद्यालय खेलों (डब्ल्यूयूजी) के तीरंदाजी स्पर्धा में पांच पदकों के साथ अभियान समाप्त किया।
इससे पहले परनीत कौर महिला कंपाउंड के रोमांचक फाइनल में दक्षिण कोरिया की मून यीउन के खिलाफ दबाव में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में नाकाम रही और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इन दोनों के अलावा भारत ने कंपाउंड तीरंदाजों ने मिश्रित टीम स्वर्ण, पुरुषों की टीम रजत, महिलाओं की टीम कांस्य के साथ रिकर्व तीरंदाजों के निराशाजनक प्रदर्शन की काफी हद तक भरपाई भी कर दी।
वहीं भारत के 24 वर्षीय एथलीट प्रवीण चित्रावेल ने अपने दूसरे प्रयास में 16.66 मीटर की शानदार छलांग लगाकर त्रिकूद में रजत पदक जीता और इस तरह इस प्रतिष्ठित स्पर्धा में देश के पदकों की संख्या दो स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदकों तक पहुंचा दी।
भुवनेश्वर का यह एथलीट ऑस्ट्रेलिया के कॉनर मर्फी से पीछे रहा जिन्होंने 16.77 मीटर की इस सत्र की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई।
भारत अपने पदकों की संख्या में और सुधार कर सकता है क्योंकि पुरुष और महिला दोनों चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों ने भी फाइनल के लिए क्वालीफाई करके शानदार प्रदर्शन किया है।
जाधव ने फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 में से 14 निशाने 10 अंक के लगाये। उनका आखिरी निशाना नौ अंक का रहा जिससे रोमांचक फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के अजय स्कॉट को 149-148 से हराया।
स्कॉट के तीन एक्स (केंद्र के करीब 10 अंक वाले निशाने) के साथ शुरुआत करने के बावजूद, भारतीय ने धैर्य बनाए रखा और पांचवें दौर की आखिरी निशाने से पहले कोई चूक नहीं की।
जाधव ने इससे सेमीफाइनल के बेहद रोमांचक मुकाबले में हमवतन कुशल दलाल को शूट ऑफ में पछाड़ा।
दोनों तीरंदाजों के 148-148 से बराबरी पर रहने के बाद शूट ऑफ में भी 10 अंक का निशाना साधा लेकिन जाधाव का तीर केन्द्र के करीब था।
दलाल को इसके बाद कांस्य पदक मैच में भी निराशा का सामना करना पड़ा। वह पोलैंड के प्रेजेमिस्लाव कोनेकी से 148-150 से हार गए।
इससे पहले महिलाओं के फाइनल में दक्षिण कोरिया की तीरंदाज ने परनीत को महज एक अंक से पछाड़कर 147-146 से जीत दर्ज की।
क्वालिफिकेशन चरण में शीर्ष पर रहीं परनीत ने मजबूत शुरुआत की और पहले दो दौर में शानदार प्रदर्शन कर तीसरी वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंद्वी पर दो अंकों की बढ़त बना ली।
परनीत हालांकि तीसरे दौर में लय नहीं बनाये रख सकी और उन्होंने दो अंक गंवा दिये। इस दौर में मून ने पूरी 30 के स्कोर के साथ बराबरी की।
कोरिया की खिलाड़ी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने चौथे दौर में भी 10 अंक के तीन निशाने के साथ पूरे 30 अंक हासिल कर एक अंक की बढ़त कायम कर ली।
परनीत को खिताब के लिए आखिरी दौर में पूरे अंक की जरूरत थी लेकिन वह 29 अंक ही हासिल कर सकी। मून ने भी 29 अंक बनाये जिससे वह खिताब जीतने में सफल रही।
परनीत ने इससे पहले सेमीफाइनल के कड़े मुकाबले में दक्षिण कोरिया की पांचवीं वरीयता प्राप्त किम सूयोन को सिर्फ एक अंक (145-144) से हराया था।
भारत की हाफ मैराथन में बड़ी उपस्थिति निराशाजनक रही क्योंकि पुरुष और महिला वर्ग में 10 धावकों में से कोई भी पोडियम पर जगह नहीं बना पाया।
कुछ धावकों ने हालांकि व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किए लेकिन वे भी पदक नहीं जीत सके।
भारतीय पुरुष और महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सत्र का सर्वश्रेष्ठ समय निकाला और फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
पुरुष वर्ग में पांच भारतीय लंबी दूरी के धावकों में से मोहित और मोहित चौधरी क्रमशः 1:04:08 सेकंड और 1:06:51 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय दर्ज करते हुए इस मुश्किल स्पर्धा में क्रमशः छठे और 21वें स्थान पर रहे।
अरुण धनसिंह राठौड़ (26वें), शुभम बालियान (32वें) और अंकित देसवाल (36वें) ने क्रमशः 1:07:19 सेकंड, 1:08:32 सेकंड और 1:09:07 सेकंड का समय लिया जिससे लंबी दूरी के धावकों के चयन पर सवाल खड़ा हो गया है।
जापान के शिनसाकु कुडो ने इस स्पर्धा में डब्लयूयूजी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1:02:29 सेकंड में रेस पूरी कर स्वर्ण पदक जीता जबकि तुर्की के रमाजान बास्टुग (1:02:35) ने रजत और जापान के ही रियुटो उहारा (1:02:39 सेकंड) ने कांस्य पदक हासिल किया।
महिला हाफ मैराथन में भी भारतीय धाविकाओं ने निराश किया। इसमें ज्योति 1:21:22 सेकंड का समय लेकर 27 धावकों में 21वें स्थान पर रहीं।
चीन की मा शिउजेन ने उनसे नौ मिनट कम समय में 1:12:48 सेकंड के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ स्वर्ण पदक जीता।
आरती अर्जुन पवारा (1:22.350) 22वें स्थान पर रहीं जबकि रिंकी पवारा, बसंती कुमारी और स्वाति पाल क्रमशः 24वें, 25वें और 26वें स्थान पर रहकर अपने अभियान का निराशाजनक अंत किया।
पुरुषों की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने हीट 2 में पोलैंड के बाद दूसरे स्थान पर रहते हुए 3:06.56 सेकंड का अपना सर्वश्रेष्ठ समय लिया। महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर चौकड़ी ने भी हीट एक में दूसरे स्थान पर रहकर 3:35.12 सेकंड का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और खिताबी दौर में जगह बनाई।
भारत की त्रिकूद खिलाड़ी पूर्वा सावंत और सैंड्रा बाबू का अभियान शुरुआती दौर में ही समाप्त हो गया। मुंबई की 22 वर्षीय खिलाड़ी पूर्वा 12.82 मीटर की छलांग के साथ क्वालिफिकेशन में नौवें स्थान पर रहीं जबकि सैंड्रा 11.98 मीटर की छलांग के साथ 11वें स्थान पर रहीं।
पांच हजार मीटर स्पर्धा में किरण म्हात्रे 15:16.57 सेकंड के समय के साथ 16वें और अंतिम स्थान पर रहे। इस स्पर्धा का स्वर्ण फ्रांस के आर्थर गेरवाइस ने जीता जिन्होंने 15:02.00 का समय लिया।
भाषा नमिता
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