… अजय मसंद …
स्टावेंगर (नॉर्वे) 25 मई (भाषा) क्लासिकल शतरंज शैली में सबसे कड़े प्रतिद्वंद्वियों को मात देने की क्षमता रखने वाले विश्व चैंपियन डी. गुकेश और अर्जुन एरिगेसी सोमवार से शुरू होने वाले नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगे। इस टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा जैसे शीर्ष खिलाड़ी भी चुनौती पेश करने के लिए तैयार है। गुकेश पहले दौर में दुनिया के नंबर एक कार्लसन से भिड़ेंगे जो टूर्नामेंट में सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक होगा जबकि पहली बार खेल रहे एरिगेसी चीन के वेई यि के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। महिला वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व दो बार की महिला विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी और आर वैशाली करेंगी। हम्पी पहले दौर में वैशाली के सामने होंगी। शतरंज कैलेंडर पर सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक नॉर्वे शतरंज में पुरुष और महिला वर्ग में छह-छह खिलाड़ी शामिल हैं। इसे ‘डबल राउंड-रॉबिन’ प्रारूप में खेला जाता है। यह पहली बार है जब पुरुष वर्ग में भारत के दो खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे जिससे टूर्नामेंट में भारत के लिए पहला खिताब जीतने की उम्मीद बढ़ गई हैं। यह टूर्नामेंट 2013 में पहली बार खेला गया था। उस समय पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद सहित इसमें 10 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शामिल थे। आनंद इस टूर्नामेंट में छह से अधिक बार खेले हैं और 2015 में उपविजेता रहे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें इस टूर्नामेंट में ‘बहुत रोमांचक मुकाबला’ देखने की उम्मीद है, क्योंकि गुकेश और एरिगेसी दोनों में प्रेरणा की कमी नहीं होगी और वे पांच बार के विश्व चैंपियन कार्लसन को हराने के लिए दृढ़ संकल्पित होंगे। कार्लसन छह खिताब के साथ इस टूर्नामेंट के सबसे सफल खिलाड़ी है। प्रतियोगिता में चार भारतीयों की मौजूदगी भी देश में शतरंज के विकास को दर्शाती है। पुरुष वर्ग में कार्लसन और अमेरिका के ग्रैंडमास्टर नाकामुरा जबकि महिला वर्ग में चीन की जू वेनजुन और ली टिंगजी की महिला जोड़ी को मात देना आसान नहीं होगा। नाकामुरा विश्व रैंकिंग में कार्लसन के बाद दूसरे स्थान पर हैं। इसके बाद गुकेश (विश्व नंबर तीन) और एरिगेसी (नंबर चार) का स्थान है। इन दोनों को स्थानीय नायक कार्लसन और नाकामुरा के डिफेंस को भेदने के लिए बहुत धैर्य और एकाग्रता की आवश्यकता होगी। गुकेश हालांकि विश्व चैंपियन बनने के बाद सर्वश्रेष्ठ लय में नहीं है। पेरिस में फ्रीस्टाइल शतरंज टूर्नामेंट में उन्हें संघर्ष करना पड़ा और इस साल की शुरुआत में वे टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब भी अपने हमवतन आर. प्रज्ञानानंदा से हार गए। चेन्नई का यह युवा खिलाड़ी हाल ही में बुखारेस्ट में सुपरबेट क्लासिक में भी प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर सका, जिसमें प्रज्ञानानंदा ने खिताब जीता था। महिला वर्ग में भारत को हंपी के अनुभव से ज्यादा उम्मीद होगी। हंपी और वेनजुन के बीच मुकाबला तय कर सकता है कि खिताब कौन जीतेगा। हंपी ने पिछले साल न्यूयॉर्क में दूसरी बार विश्व रैपिड खिताब जीत कर दिखाया था कि करियर के 20 साल होने के बाद उनमें जीत दर्ज करने की भूख कम नहीं हुई है। टूर्नामेंट में समान पुरस्कार राशि है, जो बहुत कम शतरंज प्रतियोगिताओं में मिलती है। यह महिला प्रतिभागिआयों के लिए भी प्रेरणा हो सकती है। कुल पुरस्कार राशि लगभग 1,62,681 डॉलर है। भाषा नन्द नमितानमिता
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