scorecardresearch
Tuesday, 9 December, 2025
होमखेलकमजोर इन्फ्रा, ठप्प एकेडमी और रुका हुआ क्रिकट—KSCA के नए चीफ वेंकटेश प्रसाद का बड़ा टेस्ट

कमजोर इन्फ्रा, ठप्प एकेडमी और रुका हुआ क्रिकट—KSCA के नए चीफ वेंकटेश प्रसाद का बड़ा टेस्ट

प्रसाद को शुभकामनाएंं देते हुए, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि वह चाहते हैं कि नई मैनेजिंग कमेटी 'साफ-सुथरा शासन, नई ऊर्जा और कर्नाटक में क्रिकेट के लिए एक मज़बूत भविष्य' लाए.

Text Size:

बेंगलुरु: भारतीय टीम के पूर्व मध्यम गति गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद अब कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के नए अध्यक्ष हैं और उनके सामने कई चुनौतियां हैं.

प्रसाद की अगुवाई वाली ‘गेम चेंजर्स’ टीम ने सोमवार को क्रिकेट प्रशासन का कार्यभार संभाल लिया. यह जीत उन्हें उस टीम के खिलाफ कड़ी टक्कर के बाद मिली जिसे पूर्व भारतीय क्रिकेटर ब्रजेश पटेल का समर्थन था.

कुल 1,307 वोट डाले गए थे. इनमें से प्रसाद ने 749 वोट हासिल किए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी केएन शांथा कुमार को 558 वोट मिले. यह जानकारी KSCA द्वारा साझा किए गए विवरण में दी गई है.

कुमार एक प्रसिद्ध स्पोर्ट्स फोटोग्राफर हैं और बेंगलुरु स्थित दि प्रिंटर्स मैसूर के निदेशक भी हैं, जो डेक्कन हेराल्ड और प्रजावाणी अखबार प्रकाशित करता है.

सुजीत सोमनसुंदर उपाध्यक्ष चुने गए. बीएन माधुकर नए कोषाध्यक्ष होंगे.

उपमुख्यमंत्री डीके. शिवकुमार, जो KSCA के लाइफ मेंबर हैं, ने प्रसाद को शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे नई मैनेजिंग कमेटी से “साफ-सुथरा शासन, नई ऊर्जा और कर्नाटक क्रिकेट के लिए मजबूत भविष्य” की उम्मीद करते हैं.

प्रसाद को प्रो-हिंदुत्व समूहों में पसंद किया जाता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने वाली कई पोस्ट की हैं और कांग्रेस की आलोचना भी की है. 2024 लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना करने के लिए एक क्रिकेटिंग उदाहरण भी दिया था, जिसमें अमीरों से लेकर गरीबों तक धन के पुनर्वितरण की बात कही गई थी.

उन्होंने कहा था, “बहुत गरीबों को ऊपर उठाना जरूरी है लेकिन यह सोच बहुत खराब है. यह ऐसा है जैसे हम RR, KKR और SRH से 4-4 पॉइंट लेकर नीचे की 3 टीमों में बांट दें ताकि वे प्लेऑफ में पहुंच सकें.”

सोमवार को प्रसाद और उनकी टीम ने एक विस्तृत समारोह के बाद कार्यभार संभाला, जिसमें एक पुजारी द्वारा लंबे मंत्रोच्चारण और प्रार्थनाएं कराई गईं.

प्रसाद ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, “हम मिलकर कर्नाटक के लिए एक जीवंत, पारदर्शी और भविष्य-तैयार क्रिकेट माहौल बनाना चाहते हैं, कर्नाटक क्रिकेट का मजबूत इकोसिस्टम तैयार करना चाहते हैं और विश्वस्तरीय क्रिकेट को फिर से चिन्नास्वामी में लाना चाहते हैं.”

नई क्रिकेट प्रशासन टीम ने KSCA की कमजोर छवि सुधारने, पिछली कमेटी में हुई कथित अनियमितताओं और अन्य समस्याओं को ठीक करने का वादा किया है.

प्रसाद को किए गए फोन कॉल का जवाब नहीं मिला.

जून में स्टेडियम के बाहर हुए भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे. इस घटना ने बेंगलुरु पर गहरा असर छोड़ा और यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि क्या चिन्नास्वामी स्टेडियम आगे अंतरराष्ट्रीय मैचों का भरोसेमंद स्थल हो सकता है और क्या यह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का IPL में भविष्य में भी घरेलू मैदान रहेगा.

भगदड़ के बाद यह आशंका भी है कि क्या RCB के मैच यहीं होंगे या उन्हें किसी और शहर ले जाया जा सकता है.

प्रसाद ने रविवार शाम परिणाम आने के बाद पत्रकारों से कहा, “पिछले तीन साल में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं…..मैं सिर्फ भगदड़ की बात नहीं कर रहा हूं, क्रिकेट में भी.”

उन्होंने कहा कि कई पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने पिछली कमेटी के दौरान हुई अनियमितताओं, चिन्नास्वामी स्टेडियम की खराब होती संरचना, घरेलू क्रिकेट की उपेक्षा और लगभग बंद पड़ी स्थानीय एकेडमीज़ की समस्याओं पर खुलकर बात की है, जिनसे राज्य में क्रिकेट का विकास प्रभावित हुआ है.

कर्नाटक ने कई दशक में भारत को अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, जवागल श्रीनाथ, गुंडप्पा विश्वनाथ, सैयद किरमानी जैसे दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं.

लेकिन आपसी कलह और राज्य बोर्ड की कथित कमजोरियों के कारण उसकी कई एकेडमीज़ उपेक्षित हो गईं, जिससे देशभर में कर्नाटक की प्रभावशीलता कम हुई.

KSCA के कामकाज से सीधे जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, “कर्नाटक भर की एकेडमीज़ की पूरी तरह से अनदेखी हुई है. चाहे तुमकुर हो, आलूर हो, हुबली हो या बेलगावी…स्थिति जरा भी नहीं सुधरी और इन जगहों पर कोई सक्रिय गतिविधि नहीं है.”

‘कमर्शियल रिवेन्यू को प्राथमिकता दी जा रही है’

एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने दिप्रिंट से कहा कि प्रसाद को अपने उन वादों पर खरा उतरना होगा जिनमें उन्होंने IPL और अन्य अंतरराष्ट्रीय मैचों को शहर में वापस लाने की बात कही थी.

शिवकुमार ने रविवार को पत्रकारों से कहा, “मैं यहां से IPL मैचों को कहीं और शिफ्ट होने नहीं दूंगा. हम सुनिश्चित करेंगे कि मैच यहीं हों.” उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक के सम्मान का प्रश्न है.

सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भगदड़ की जिम्मेदारी से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया, जबकि सरकार ने ही विधान सौध की सीढ़ियों पर RCB टीम के सदस्यों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया था, जहां लाखों लोग इकट्ठा हुए थे.

इसके बजाय, सिद्धारमैया ने पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जिनमें पूर्व बेंगलुरु पुलिस आयुक्त भी शामिल थे, और RCB अधिकारियों और KSCA के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए.

सोमवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमृतेश एनपी. ने मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख और कई अन्य अधिकारियों को पत्र लिखा, जिसमें शिवकुमार के IPL को बेंगलुरु वापस लाने वाले बयानों पर चिंता जताई गई.

अधिवक्ता ने कहा, “व्यावसायिक और राजस्व संबंधी विचारों को मानव जीवन और सुरक्षा से ऊपर रखा जा रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार IPL के लिए स्टेडियम को फिर से खोलने की कोशिश जारी रखती है, तो वे अदालत का रुख करेंगे.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: मूर्ति पूजा को विज्ञान विरोधी मानने वाले बंकिम ने कैसा लिखा यह गीत—वंदे मातरम के कई रूप


 

share & View comments