बर्लिन, 24 जुलाई (भाषा) वैष्णवी अडकर विश्व विश्वविद्यालय खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी बनीं जब उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता जबकि तीरंदाजों ने दमदार प्रदर्शन जारी रखते हुए कंपाउंड पुरुष और मिश्रित टीम स्पर्धा के स्वर्ण पदक दौर में प्रवेश किया।
कई ट्रैक एवं फील्ड एथलीट भी फाइनल में पहुंच गए।
वैष्णवी को सेमीफाइनल में स्लोवाकिया की एस्टर मेरी के खिलाफ 6-2, 4-6, 4-6 से हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विश्व विश्वविद्यालय खेलों के मौजूदा सत्र में यह देश का अब तक का दूसरा पदक है। टेनिस प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक दिया जाता है।
बीस वर्षीय वैष्णवी विश्व विश्वविद्यालय खेलों में पदक जीतने वाली केवल दूसरी भारतीय टेनिस खिलाड़ी बनीं। इससे पहले 1979 में मेक्सिको सिटी में हुए विश्व विश्वविद्यालय खेलों में नंदल बल ने पुरुष एकल में रजत पदक जीता था।
तीरंदाजी में भारत के कम से कम दो पदक पक्के हैं। कंपाउंड तीरंदाज कुशल दलाल दो फाइनल में पहुंचे। उन्होंने पुरुष टीम स्पर्धा और मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई।
दलाल और परनीत कौर की कंपाउंड मिश्रित टीम ने अपने चीनी ताइपे के प्रतिद्वंद्वियों को 158-151 से हराकर कोरिया के खिलाफ स्वर्ण पदक के मुकाबले में जगह पक्की की।
बाद में दलाल, साहिल जाधव और ऋतिक शर्मा की कंपाउंड पुरुष टीम ने कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में अपने चीनी ताइपे प्रतिद्वंद्वियों को 235-233 से हराया।
परनीत कौर, अवनीत कौर और मधुरा धमनगांवकर की महिला कंपाउंड टीम सेमीफाइनल में अमेरिका से 230-233 से हार गई। वे शुक्रवार को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में खेलेंगी।
ट्रैक एवं फील्ड में मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने फाइनल में प्रवेश किया। साहिल सिलवाल (पुरुष भाला फेंक), किरण (पुरुष 5000 मीटर) और सीमा (महिला 5000 मीटर) ने भी फाइनल में प्रवेश किया।
मौमिता मोंडल ने 100 मीटर बाधा दौड़ के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। वह कुल मिलाकर 19वें स्थान पर रहीं, लेकिन अगले दौर में जगह बनाने में सफल रहीं।
भाषा सुधीर
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