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Monday, 8 July, 2024
होमखेलरोहित को शतक बनाना सिखाने की जरूरत नही, कप्तान का समर्थन करते हुए अश्विन ने कहा

रोहित को शतक बनाना सिखाने की जरूरत नही, कप्तान का समर्थन करते हुए अश्विन ने कहा

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मुंबई, 23 नवंबर (भाषा) भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने गुरूवार को अपने कप्तान रोहित शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें शतक बनाना सिखाने की जरूरत नहीं है । आस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल में आक्रामक शुरूआत को बड़े स्कोर में नहीं बदलने के लिए रोहित की आलोचना की जा रही है।

रोहित पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार लय में थे और भारत ने शीर्ष क्रम में उनके प्रदर्शन की बदौलत ही धमाकेदार शुरूआत की। उन्होंने 125 के शानदार स्ट्राइक रेट से 11 मैच में 597 रन बनाये।

रोहित फाइनल में ग्लेन मैक्सवेल को बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में जिस तरह आउट हुए, उसकी कुछ तबकों में आलोचना की जा रही है। उन्होंने 31 गेंद में 47 रन की पारी खेली जिससे मजबूत नींव बनी लेकिन टीम इसका फायदा नहीं उठा सकी।

अश्विन ने कहा, ‘‘हर कोई पीछे से कह रहा है कि अगर वह खेलता रहता तो 100 रन बना सकता था लेकिन यह उनकी इच्छाशक्ति थी कि टीम इस तरह का खेल दिखा सकी। रोहित शर्मा को शतक बनाना सिखाने की जरूरत नहीं है , वह काफी शतक बना चुके हैं लेकिन यह जज्बा है जो मायने रखता है। ’’

इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने यह भी खुलासा किया कि पिछले रविवार को फाइनल में आस्ट्रेलिया के पहले गेंदबाजी करने के फैसले से भी वह हैरान थे लेकिन साथ ही पैट कमिंस और चयनकर्ता जॉर्ज बेली की अहमदाबाद की पिच बखूबी पढ़ने के लिए प्रशंसा की।

आस्ट्रेलिया ने फाइनल में भारत को कई मोर्चों पर पछाड़कर छठी बार विश्व कप जीता ।

अश्विन ने गुरूवार को अपने यूट्यूब वीडियो में कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया ने फाइनल में शानदार खेल दिखाया। मैं उनकी रणनीति देखकर हैरान रह गया। आस्ट्रेलिया के फैसले से मैं व्यक्तिगत रूप से हैरान हो गया क्योंकि जैसा उनका इतिहास है, वे फाइनल में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि आस्ट्रेलिया को ऐसा ही करना चाहिए क्योंकि कई लोग यह नहीं समझते कि अहमदाबाद की मिट्टी ओडिशा की तरह थी। यह ऐसी ही थी जैसी देश के पूर्वोत्तर हिस्से से ली गयी कोई भी मिट्टी होती क्योंकि अगर कोई और पिच घुटने तक उछाल लेगी तो इस तरह की पिच पिंडली तक लेगी। ’’

अश्विन ने यह भी कहा कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं की संख्या के कारण भारत दुनिया का ‘क्रिकेट केंद्र ‘ बन गया है और साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलकर विदेशी खिलाड़ी पिच और परिस्थितियों से वाकिफ हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देख रहा था कि पारी के बीच में पिच टूट रही थी । मैं आस्ट्रेलिया के मुख्य चयनकर्ता जॉर्ज बेली से मिला और पूछा कि आपने हमेशा की तरह टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला क्यों नहीं किया? ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस पर उनका जवाब था, हम आईपीएल में खेल चुके हैं और लंबे समय से द्विपक्षीय श्रृंखलायें भी खेल रहे हैं और हमारे अनुभव के अनुसार लाल मिट्टी टूटती है लेकिन काली मिट्टी दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी के लिए बेहतर हो जाती है। ’’

भाषा नमिता मोना

मोना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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