scorecardresearch
Thursday, 20 November, 2025
होमखेलमौजूदा गतिरोध खत्म नहीं हुआ तो लीग पूरी तरह से बंद होने की आशंका: आईएसएल क्लबों ने एआईएफएफ को चेताया

मौजूदा गतिरोध खत्म नहीं हुआ तो लीग पूरी तरह से बंद होने की आशंका: आईएसएल क्लबों ने एआईएफएफ को चेताया

Text Size:

…फिलेम दीपक सिंह …

नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के 11 क्लबों ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को चेतावनी दी है कि अगर इस शीर्ष-स्तरीय घरेलू प्रतियोगिता के भविष्य को लेकर चल रहे गतिरोध का जल्द ही हल नहीं किया गया तो क्लबों के पूरी तरह से बंद होने का वास्तविक संकट बना रहेगा। एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे को लिखे एक पत्र में क्लबों ने कहा कि राष्ट्रीय महासंघ और आईएसएल के आयोजक एफएसडीएल के बीच ‘मास्टर राइट्स एग्रीमेंट’ (एमआरए) का नवीनीकरण नहीं होने के कारण उत्पन्न हुए संकट ने ‘भारत में पेशेवर फुटबॉल को पंगु बना दिया है’। क्लबों ने शुक्रवार को भेजे गए पत्र में कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में निरंतर निवेश और लगातार प्रयास के माध्यम से क्लबों ने युवा विकास प्रणालियां, प्रशिक्षण अवसंरचना, सामुदायिक पहुंच कार्यक्रम और पेशेवर टीमें बनाई हैं। इन टीमों ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की फुटबॉल साख को बढ़ाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रगति अब पतन की ओर बढ़ने लगी है। मौजूदा परिस्थितियों ने तत्काल और गंभीर परिणाम उत्पन्न किए हैं। मौजूदा समय में संचालन निलंबित होने और लीग की निरंतरता पर कोई निश्चितता नहीं होने के कारण कई क्लबों को पूरी तरह से बंद होने की वास्तविक संभावना का सामना करना पड़ रहा है।’’ एफएसडीएल ने एमआरए पर हस्ताक्षर नहीं होने का हवाला देते हुए 2025-26 सत्र को 11 जुलाई को अनिश्चितकाल के लिए रोकने की घोषणा की थी जिसके बाद मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई है। इसके बाद कम से कम तीन क्लबों ने अपनी मुख्य टीम के संचालन को रोक दिया है या खिलाड़ियों और कर्मचारियों के वेतन को निलंबित कर दिया है। क्लबों ने लिखा, ‘‘ यह केवल प्रशासनिक गतिरोध नहीं है, बल्कि भारतीय फुटबॉल के लिए एक अस्तित्व का संकट है। हम आपको सबसे गंभीर परिस्थितियों में लिख रहे हैं। लीग की अनिश्चितता के कारण पिछले एक दशक से प्रशंसकों, प्रायोजकों, निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल निकायों के साथ बड़ी मेहनत से बनाया गया विश्वास पर खतरा मंडरा रहा है। इससे लीग को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी।’’ इस पत्र पर बेंगलुरु एफसी, हैदराबाद एफसी, ओडिशा एफसी, चेन्नइयिन एफसी, जमशेदपुर एफसी, एफसी गोवा, केरल ब्लास्टर्स एफसी, पंजाब एफसी, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, मुंबई सिटी एफसी और मोहम्मडन स्पोर्टिंग के हस्ताक्षर हैं। कोलकाता के बड़े क्लब मोहन बागान सुपर जायंट और ईस्ट बंगाल ने इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए। क्लबों के बंद होने और आजीविका के नुकसान के जोखिमों का विवरण देते हुए, पत्र में कहा गया, ‘‘2000 से अधिक प्रत्यक्ष आजीविका ( खिलाड़ी, कोच, चिकित्सा कर्मचारी, विश्लेषक, किट मैनेजर, मैदानकर्मी, प्रशासनिक कर्मचारी) खतरे में हैं। इसके अलावा लीग पर निर्भर अनगिनत अप्रत्यक्ष आजीविकाएं भी खतरे में हैं।’’ उन्होंने कहाख, ‘‘क्लबों को एक ऐसे सत्र का सामना करना पड़ रहा है जहां टिकटों, टीम मर्केंडाइज (आधिकारिक जर्सी और अन्य उपकरण) और अन्य माध्यमों से होने वाला राजस्व शून्य हो जाएगा। प्रायोजकों ने पहले ही हाथ खींचना शुरू कर दिया है। यह एक बड़ा वित्तीय झटका है जिससे क्लब इस साल उबर नहीं पाएंगे और यह भविष्य में खिलाड़ियों और कर्मचारियों के वेतन के भुगतान को प्रभावित करेगा।  यह कई हितधारकों को अपने संबंधित क्लबों को पूरी तरह से और स्थायी रूप से बंद करने पर विचार करने के लिए मजबूर करेगा।’’ क्लबों ने कहा कि इस गतिरोध का असर भारत की अंतरराष्ट्रीय मैचों की तैयारियों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक  शीर्ष स्तर की लीग के संचालन के बिना हमारी राष्ट्रीय टीम आगामी एएफसी और फीफा टूर्नामेंटों में बुरी तरह से नुकसान में रहेगी।’’ भाषा आनन्द नमितानमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments