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Thursday, 21 November, 2024
होमखेलपहला ‘हार्ड टेस्ट’ सेमीफाइनल है और टीम उसके लिये तैयार : महिला हॉकी कोच हरेंद्र

पहला ‘हार्ड टेस्ट’ सेमीफाइनल है और टीम उसके लिये तैयार : महिला हॉकी कोच हरेंद्र

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राजगीर , 18 नवंबर ( भाषा ) एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में अब तक अपराजेय भारतीय महिला हॉकी टीम को ग्रुप चरण में कठिन चुनौती नहीं मिलने से मुख्य कोच हरेंद्र सिंह चिंतित नहीं है और उनका मानना है कि जापान के खिलाफ सेमीफाइनल के लिये उनकी टीम पूरी तरह से तैयार है ।

गत चैम्पियन भारतीय टीम ने ग्रुप चरण में मलेशिया को 4 . 0, कोरिया को 3 . 2, थाईलैंड को 13 . 0, पेरिस ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन को 3 . 0 और जापान को 3 . 0 से हराया । अब मंगलवार को सेमीफाइनल में भारत का सामना जापान से होगा ।

कोच हरेंद्र सिंह ने सेमीफाइनल से पहले वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में टीम के प्रदर्शन पर प्रसन्नता जताते हुए कहा ,‘‘ हम अपनी स्ट्रेंथ पर फोकस कर रहे हैं, विरोधी टीम पर नहीं । हम आक्रमण और रक्षण के संतुलन पर ध्यान दे रहे हैं । अच्छे गोल कर रहे हैं और कुछ वन टच , लांग रिसीविंग गोल तो शानदार रहे हैं ।’’

ग्रुप चरण में दक्षिण कोरिया के अलावा किसी टीम से भारतीय डिफेंस और गोलकीपरों को चुनौती नहीं मिली लेकिन कोच इससे चिंतित नहीं हैं ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हार्ड टेस्ट हो या नहीं लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि प्रक्रिया सही जा रही है । मैं इसलिये नहीं कह रहा कि हम जीत रहे हैं लेकिन हमने जिन क्षेत्रों पर काम किया है मसलन फिटनेस पर 60 से 70 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है ।’’

जूनियर पुरूष विश्व कप 2016 में भारत को जीत दिलाने वाले कोच ने कहा,‘‘ अभी बहुत सुधार करना है जो जल्दी ही होगा । हमने 14 मई को शुरूआत की थी और आज जहां है, यह बहुत बड़ा बदलाव है । इस टूर्नामेंट में हमें पता था कि सेमीफाइनल और फाइनल में ही हार्ड टेस्ट होगा इसलिये हम उसी तरह तैयारी कर रहे हैं ।’’

कोच ने कहा ,‘‘ विरोधी टीम के हर वार का हमारी टीम के पास जवाब होना चाहिये ।इसके लिये मैदान पर फैसले लेने की स्वतंत्रता सभी खिलाड़ियों को दी गई है।’’

भारतीय टीम के पास एक विशेषज्ञ ड्रैग फ्लिकर नहीं होना चिंता का सबब था लेकिन युवा मनीषा चौहान और शानदार फॉर्म में चल रही दीपिका में हरेंद्र को संभावना नजर आती है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मनीषा चौहान को उतने मौके नहीं मिले लेकिन वह रणनीति का हिस्सा है । मनीषा और दीपिका ने संभावना जगाई है और स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच इनकी भुजाओं, कंधों और शरीर के निचले हिस्से में दमखम के लिये मेहनत कर रहे हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इनके प्रदर्शन से खुश हूं । पेरिस ओलंपिक में पुरूष टीम के कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह का पेनल्टी कॉर्नर तब्दीली दर 18 प्रतिशत था और हमने कांस्य जीता । हमारी टीम का प्रतिशत अभी 21 है और 25 . 26 तक हो गया तो बहुत अच्छा माना जायेगा ।’’

कोच ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों की पोजिशनिंग में बदलाव उनकी रणनीति का हिस्सा रहा है जिसके नतीजे अच्छे मिले हैं ।

उन्होंने कहा,‘‘ नवनीत , सुनेलिता, सलीमा या संगीता हो , ये सभी स्ट्राइकर थे लेकिन मैंने इस टूर्नामेंट में उन्हें मिडफील्ड में उतारा । इनके पास वह कौशल था और यही वजह है कि टीम अधिक आक्रामक खेल रही है क्योंकि मानसिकता स्ट्राइकर की है । टीम गोल करने के लिये एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है और उस कार्यभार को बांटने के लिये यह रणनीति अपनाई गई है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘सलीमा ने जो ‘वन टच’ गोल किया था, वह सेंटर स्ट्राइकर का गोल था लेकिन वह मिडफील्ड से गेंद लेकर गई है । यह बदलाव टीम के लिये अच्छा रहा है क्योंकि ज्यादा खिलाड़ी गोल कर रहे हैं ।

कप्तान सलीमा टेटे ने भी कहा कि फोकस ‘वन टू ’ हॉकी पर है और इस पर काफी मेहनत हो रही है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हम वन टू हॉकी पर फोकस कर रहे है जो पहले नहीं था यानी पीछे से गेंद कोई भी लेकर आये लेकिन उसे एक खिलाड़ी को सर्कल के भीतर लेकर जाना है और वह कोई भी लेकर जा सकता है । कोच सर का इसी पर फोकस है और हम पूरी कोशिश कर रहे हैं ।’’

सलीमा ने यह भी बताया कि अब हम मैच के बाद खिलाड़ी साथ में डांस करते हैं जिससे ड्रेसिंग रूम में काफी खुशनुमा माहौल बन गया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ सीनियर नेहा गोयल की पहल पर मैच जीतने के बाद हम सभी ड्रेसिंग रूम में डांस करते हैं । यह एक एक्टिविटी हो जाती है । हमें डांस आता नहीं लेकिन उनको फॉलो करते हैं । इससे माहौल खुशनुमा हो जाता है ।’’

भाषा

मोना

मोना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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