नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पूर्व न्यायाधीश एल नागेश्वर राव द्वारा तैयार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के संविधान के मसौदे को अंतिम रूप देने के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जॉयमाल्या बागची ने रंजीत कुमार, राहुल मेहरा और न्यायमित्र गोपाल शंकरनारायणन की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा ।
पीठ ने विभिन्न राज्य फुटबॉल संघों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा संविधान के मसौदे पर उठाई गई आपत्तियों पर कई दिनों तक सुनवाई की।
शीर्ष अदालत के निर्देश पर न्यायमूर्ति राव द्वारा तैयार संविधान के मसौदे में कुछ अहम बदलावों का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें किसी व्यक्ति को अपने जीवनकाल में अधिकतम 12 वर्ष तक पद पर बने रहने की अनुमति देना शामिल है बशर्ते वह अधिकतम चार वर्ष के दो लगातार कार्यकाल तक ही पद पर बना रहे।
इसमें कहा गया है कि खेल संस्था के पदाधिकारी के रूप में आठ वर्ष तक रहने के बाद चार वर्ष की विश्राम अवधि का पालन करना होगा, लेकिन मसौदे में कहा गया है कि कोई व्यक्ति 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद खेल संस्था का सदस्य नहीं रह सकता।
भाषा मोना नमिता
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