… अमित कुमार दास …
नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के महासचिव थॉमस लुंड ने कहा कि ‘शटलकॉक’ की मौजूदा कमी अभी ‘संकट के स्तर’ तक नहीं पहुंची है लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्माताओं को आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं को हल करने के साथ दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए उन्नत सिंथेटिक विकल्पों की शुरुआत में तेजी लानी चाहिए। चीन में कच्चे माल की भारी कमी के कारण पिछले एक साल में पंख वाले शटलकॉक की कीमत दोगुनी से भी अधिक हो गई हैं। फ्रांस की समाचार पत्र एल’इक्विप में हाल ही में प्रकाशित एक लेख में इस संकट के लिए चीन में खान-पान की बदलती आदतों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जहां बत्तख और हंस के मांस की अपेक्षा सूअर के मांस को प्राथमिकता दिए जाने के कारण इन पक्षियों का पालन कम कर दिया है। बैडमिंटन की विश्व भर में बढ़ती लोकप्रियता भी इसका एक और कारण माना जा रहा है। लुंड ने ई-मेल के जरिये ‘पीटीआई’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों और पंख वाले शटलकॉक की कीमतों में वृद्धि के बारे में पता है जिसका असर दुनिया भर के बैडमिंटन समुदायों पर पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम स्वाभाविक रूप से इस स्थिति से चिंतित हैं, लेकिन बड़े निर्माताओं के साथ हमारी बातचीत और स्थिति के उनके आकलन के आधार पर हमें नहीं लगता कि यह अभी संकट के स्तर पर है।’’ इस दबाव ने भारत के शीर्ष हितधारकों को यह स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया है कि खेल अब केवल हंस और बत्तख के पंखों पर निर्भर नहीं रह सकता। मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद की इस स्थिति से चिंतित है। बीडब्ल्यूएफ ने सिंथेटिक शटलकॉक के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए आपूर्ति श्रृंखला की समस्या को सुलझाने की जिम्मेदारी निर्माताओं की है। लुंड ने कहा, ‘‘बीडब्ल्यूएफ भविष्य की स्थिरता और खिलाड़ियों की आने वाली पीढ़ियों के लिए दीर्घकालीन हल सुनिश्चित करने के लिए सिंथेटिक शटलकॉक में निवेश और विकास के लिए शत प्रतिशत प्रतिबद्ध है। हम पिछले 10 वर्षों से इस परियोजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बीडब्ल्यूएफ स्वयं शटलकॉक निर्माता नहीं है, और इसलिए शटलकॉक उत्पादकों पर इन आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों का समाधान करने और अधिक उन्नत सिंथेटिक विकल्पों को तेजी से विकसित करने की जिम्मेदारी होनी चाहिए।’’ स्थिरता और आपूर्ति संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए, बीडब्ल्यूएफ काफी समय से सिंथेटिक शटलकॉक के साथ प्रयोग कर रहा है। उन्होंन कहा, ‘‘ निर्माताओं के सहयोग से सिंथेटिक शटलकॉक का परीक्षण कार्यक्रम जारी है और यह भविष्य के लिए हमारी रणनीतियों का अभिन्न अंग हैं। हम भविष्य में सिंथेटिक शटलकॉक उत्पादन में आवश्यक सुधार करने की प्रक्रिया के तहत पिछले प्रतियोगिता परीक्षण विंडो से मिले फीडबैक का उपयोग करना जारी रखेंगे। लुंड ने आश्वासन दिया कि विश्व संस्था स्थिति पर करीब से नजर रख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शीर्ष वैश्विक निर्माताओं के साथ नियमित संपर्क में हैं और सदस्य संघों और बैडमिंटन समुदाय को किसी भी नयी सफलता के बारे में जानकारी देते रहेंगे।’’ भाषा आनन्द पंतपंत
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