जकार्ता, पांच (भाषा) सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारत की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ने बृहस्पतिवार को यहां इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 बैडमिंटन टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई जबकि दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू महिला एकल के दूसरे दौर में हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गईं।
वर्ष 2023 के चैंपियन सात्विक और चिराग ने दबाव में शानदार जज्बा दिखाते हुए रासमुस गेम्के और फ्रेड्रिक सोगार्ड की डेनमार्क की दुनिया की 16वें नंबर की जोड़ी को 68 मिनट में 16-21, 21-18, 22-20 से हराया।
पिछले हफ्ते सिंगापुर ओपन सुपर 750 के सेमीफाइनल में पहुंचे सात्विक और चिराग के रूप में प्रतियोगिता में अब भारत की एकमात्र चुनौती बची है।
सात्विक और चिराग की दुनिया की पूर्व नंबर एक जोड़ी अगले दौर में मैन वेई चोंग और काई वुन टी की मलेशिया की सातवीं वरीय जोड़ी से भिड़ेगी।
इससे पहले निर्णायक गेम में हार के साथ सिंधू को दुनिया की आठवें नंबर की खिलाड़ी थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा।
निर्णायक गेम में एक समय 15-11 से आगे चल रहीं सिंधू को 78 मिनट चले मुकाबले में अंतत: 22-20, 10-21, 18-21 से हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय टीम के लिए यह निराशाजनक दिन रहा जब सतीश करुणाकरन और आद्या वरियथ की मिश्रित युगल जोड़ी के अलावा गायत्री गोपीचंद और त्रीशा जॉली की महिला युगल जोड़ी भी हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई।
सतीश और आद्या को देचापोल पुआवारानुक्रो और सुपिसारा पेइवसाम्प्रान की थाईलैंड की छठी वरीय जोड़ी के खिलाफ सिर्फ 25 मिनट में 7-21, 12-21 से हार झेलनी पड़ी।
गायत्री और त्रीशा को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद युकी फुकुशिमा और मायु मात्सुमोतो की जापान की जोड़ी के खिलाफ 46 मिनट में 13-21, 22-24 से शिकस्त मिली।
सिंधू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मुझे इसे जीत में बदलना चाहिए था। मैं तीसरे गेम में 16-13 से आगे थी लेकिन मुझे लगता है कि वहां से भी खेल थोड़ा तेज था इसलिए मुझे और अधिक नियंत्रण बनाना पड़ा। वहां से उसने बढ़त बना ली और मुझे लगता है कि मैंने स्कोर 18-18 से बराबर कर दिया। उस समय कोई भी जीत सकता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कुल मिलाकर मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। अगर मैं आज इसे जीत में बदल पाती तो यह बहुत अच्छा होता। लेकिन हां, इस मैच और इस टूर्नामेंट से बहुत कुछ सीखने को मिला’’
सिंधू ने पहले गेम में में 10-16 से पिछड़ने के बावजूद इसे जीता लेकिन दूसरा गेम आसानी से गंवा दिया।
निर्णायक गेम में भी भारतीय खिलाड़ी 15-11 से आगे थी लेकिन इसके बाद उन्होंने लगातार गलतियां की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।
चोचुवोंग ने इसका फायदा उठाया और लगातार पांच अंक के साथ मुकाबले में अपनी पकड़ मजबूत की और फिर मैच जीत लिया।
भाषा सुधीर आनन्द
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