(सोमोज्योति एस चौधरी)
नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) सरदार सिंह को कोचिंग का अनुभव नहीं है और ना ही वह इस काम के लिए प्रशिक्षित हैं लेकिन राष्ट्रीय हॉकी टीम के इस पूर्व कप्तान का मानना है कि उनका 12 साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त होगा कि इस साल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाली भारत ‘ए’ टीम से वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सकें।
सरदार और पूर्व स्ट्राइकर दीपक ठाकुर को भारत की क्रमश: पुरुष और महिला ‘ए’ हॉकी टीम का कोच नियुक्त किया गया है जो बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेगी।
सरदार ने अपनी नियुक्ति के बाद पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘बेशक यह मेरे लिए चुनौती है लेकिन इतने वर्षों तक शीर्ष स्तर पर खेलने के कारण मेरे अंदर आत्मविश्वास है कि मैं नतीजे दे सकता हूं। यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे उस खेल को कुछ वापस देने का मौका मिल रहा है जिसने मुझे पहचान दी।’’
पेरिस ओलंपिक 2024 के क्वालीफाइंग टूर्नामेंट हांगझोउ एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों के बीच अधिक समय नहीं होने के कारण हॉकी इंडिया ने बर्मिंघम में मुख्य टीम नहीं भेजने का फैसला किया है।
बहु खेल वाली इन दो प्रतियोगिताओं के बीच सिर्फ 32 दिन का अंतर है और राष्ट्रीय महासंघ एशियाई खेलों के लिए अपने मुख्य खिलाड़ियों को तरोताजा रखना चाहता है। सरदार अपने नए ‘चुनौतीपूर्ण’ काम को लेकर उत्सुक हैं।
अंतरराष्ट्रीय हॉकी से 2018 में संन्यास लेने वाले सरदार ने कहा, ‘‘मेरे पास कोचिंग का अनुभव नहीं है लेकिन नीदरलैंड और जर्मनी में क्लब हॉकी खेलते हुए मैं उभरते हुए खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया है। लगभग 13 साल तक इस खेल को खेलने के कारण मुझे पता है कि मेरा अनुभव महत्वपूर्ण होगा।’’
तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे रूपिंदर पाल सिंह और बीरेंदर लाकड़ा के अलावा एसवी सुनील ने संन्यास से वापसी की है और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में चयन के पात्र 33 पुरुष कोर संभावित खिलाड़ियों में शामिल हैं।
पिछले साल तोक्यो ओलंपिक के बाद इन तीनों ने संन्यास ले लिया था।
इन तीनों के साथ खेल चुके सरदार का मानना है कि बर्मिंघम में भारत की सफलता में इन तीनों की ‘फीडबैक’ महत्वपूर्ण होगी।
वर्ष 2018 में एक बार फिटनेस के लिए होने वाले यो-यो परीक्षण में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली को पछाड़ने वाले सरदार ने कहा कि फिटनेस के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा जो आधुनिक हॉकी का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिटनेस ऐसी चीज है जिससे मैं समझौता नहीं करूंगा। लगभग चार साल पहले संन्यास लेने के बावजूद मैं कड़े फिटनेस नियमों का पालन करता हूं। वर्तमान समय में किसी भी खेल में सफलता के लिए फिटनेस काफी अहम है और विश्व हॉकी में अनफिट खिलाड़ियों के लिए कोई जगह नहीं है।’’
भाषा सुधीर मोना
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