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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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सालुंखे के प्रदर्शन से तीरंदाजी विश्व कप के तीसरे चरण में भारतीय उम्मीदें बढ़ीं

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अंताल्या (तुर्की), तीन जून (भाषा) पिछले महीने शंघाई विश्व कप में अपने प्रदर्शन से सभी को आकर्षित करने वाले पार्थ सालुंखे बुधवार को यहां जब तीरंदाजी विश्व कप के तीसरे चरण में भारत के लिए अपना अभियान शुरू करेंगे तो उनकी कोशिश फिर से चमकदार प्रदर्शन करने की होगी।

महाराष्ट्र के सतारा के 21 वर्षीय तीरंदाज ने शंघाई में दो बड़े नामों को हराकर तीरंदाजी की दुनिया को चौंका दिया था। उन्होंने शुरुआती दौर में शूट-ऑफ में तुर्की के तोक्यो ओलंपिक चैंपियन मेटे गाजोज और फिर क्वार्टर फाइनल में दो बार के ओलंपिक टीम स्वर्ण पदक विजेता दक्षिण कोरिया के किम जे-देओक को बिना सेट गंवाए हराकर उलटफेर किया था।

पूर्व युवा विश्व चैंपियन सालुंखे ने अपने दूसरे ही विश्व कप में कांस्य पदक जीत लिया जिसमें उन्होंने प्लेऑफ में पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता फ्रांस के बापटिस्टे एडिस को मात दी।

उनके लिए सबसे अलग चीज सिर्फ उनकी उपलब्धि नहीं थी, बल्कि दक्षिण कोरियाई तीरंदाजों के खिलाफ उनका स्वभाव और परिपक्वता थी जिन्हें लंबे समय से इस खेल में भारत का कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है।

सेमीफाइनल में सर्वकालिक महान खिलाड़ी किम वूजिन के खिलाफ सालुंखे ने 0-4 से पिछड़ने के बाद वापसी कर स्कोर 4-4 से बराबर कर दिया। लेकिन पांच सेटों के रोमांचक मुकाबले में निर्णायक सेट में उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

सालुंखे ने कहा, ‘‘मेरा ध्यान सिर्फ पदक पर नहीं था बल्कि इस बात पर अधिक था कि मैंने जिसके लिए अभ्यास किया था, क्या मैं वह कर सकता हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यही मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण था और अंतिम सेट में ऐसा नहीं कर सका। मैं वहां पिछड़ गया। लेकिन यह खेल का एक हिस्सा है। ’’

सालुंखे के प्रदर्शन से उत्साहित 41 वर्षीय अनुभवी तरुणदीप राय, अतनु दास और धीरज बोम्मादेवरा की मौजूदगी वाली भारतीय पुरुष रिकर्व टीम भी शंघाई में कांस्य प्लेऑफ में अमेरिका से हारने के बाद पोडियम पर वापसी करना चाहेगी।

व्यक्तिगत रूप से यह चरण राय और दास की अनुभवी जोड़ी के लिए खुद को साबित करने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने मिलकर सात ओलंपिक में भाग लिया है।

2010 एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता और चार ओलंपिक में भाग लेने वाले राय अब भी अपने पहले व्यक्तिगत विश्व कप पदक की तलाश में हैं।

महिला वर्ग में दीपिका कुमारी ने मां बनने के बाद शानदार वापसी की है। इस 30 वर्षीय पूर्व नंबर एक और चार बार की ओलंपियन ने शंघाई में कांस्य पदक जीता लेकिन सेमीफाइनल में कोरियाई प्रतिद्वंद्वी लिम सिह्योन से हार गईं।

दीपिका पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में कोरिया की नाम सुह्योन से हार गई थीं।

अगर वह कोरियाई तीरंदाजों को चुनौती देने का रास्ता खोज लेती है तो वह 2021 के बाद से अपना पहला विश्व कप स्वर्ण पदक जीत सकती हैं।

शंघाई विश्व कप में भारत दो स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में कोरिया से पीछे दूसरे स्थान पर रहा था।

भारत को सबसे ज्यादा सफलता कम्पाउंड वर्ग ने दिलाई। इसमें मधुरा धमनगांवकर ने शानदार वापसी करते हुए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता जबकि ओजस देवताले, रिशव यादव और अनुभवी अभिषेक वर्मा की पुरुष टीम ने भी पहला स्थान हासिल किया।

कम्पाउंड तीरंदाज एक बार फिर अंताल्या में अपनी शानदार फॉर्म को बरकरार रखकर भारत की पदक तालिका में योगदान करना चाहेंगे।

भारतीय टीम इस प्रकार है :

रिकर्व पुरुष: धीरज बोम्मदेवरा, पार्थ सालुंखे, अतनु दास और तरूणदीप राय।

रिकर्व महिला: दीपिका कुमारी, अंकिता भक्त, सिमरनजीत कौर और अंशिका कुमारी।

कम्पाउंड पुरुष: अभिषेक वर्मा, ऋषभ यादव, ओजस देवताले और उदय कंबोज।

कम्पाउंड महिला: ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धमनगांवकर, चिकिथा तनिपर्थी और अदिति स्वामी।

भाषा नमिता पंत

पंत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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