नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के सुझाव के मुताबिक बदलाव को शामिल करते हुए संशोधित राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा।
वाडा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के कामकाज में ‘सरकारी हस्तक्षेप’ पर आपत्ति जताई थी।
यह अधिनियम मूल रूप से 2022 में पारित किया गया था, लेकिन वाडा की आपत्तियों के कारण इसके कार्यान्वयन को रोकना पड़ा था। विश्व संस्था ने खेलों में डोपिंग रोधी इकाई पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय बोर्ड के गठन पर आपत्ति जताई थी।
इस बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और दो सदस्य शामिल होने थे। इसे नाडा की देखरेख और उसे निर्देश जारी करने के लिए भी अधिकृत किया गया था।
वाडा ने इस प्रावधान को एक स्वायत्त निकाय में सरकारी हस्तक्षेप करार देते हुए खारिज कर दिया था। ऐसे में संशोधित विधेयक में वाडा-अनुरूप होने के लिए इस प्रावधान को हटा दिया गया है, साथ ही कुछ अन्य बदलाव भी किए गए हैं जिनमें डोपिंग उल्लंघन के लिए खिलाड़ियों की जवाबदेही कम करना शामिल हो सकता है।
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ संशोधित अधिनियम को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक के साथ पेश किया जाएगा। हमने अगर विधेयक को उसके वर्तमान स्वरूप में लागू किया होता, तो हमें वाडा से प्रतिबंध का सामना करना पड़ता। हमारी लैब को भी अमान्य कर दिया जाता। ऐसे में ये बदलाव जरूरी थे।’’
राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक प्रशासनिक जवाबदेही के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना चाहता है। इसमें उसकी चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित करना चाहता है, विवाद समाधान के लिए एक राष्ट्रीय पंचाट का गठन करना चाहता है और खेल संघों में खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व बढ़ाना बढ़ाना शामिल है।
भाषा आनन्द सुधीर
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