इंदौर (मध्यप्रदेश), 26 मई (भाषा) धाकड़ बल्लेबाज रजत पाटीदार को अगर आईपीएल के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) का बुलावा नहीं आया होता, तो वह नौ मई को शादी के बंधन में बंध चुके होते। लेकिन इस टी20 लीग में खुद को साबित करने का सुनहरा अवसर मिलते ही उन्होंने अपनी शादी स्थगित करने में देर नहीं की।
रजत के पिता मनोहर पाटीदार ने इंदौर में बृहस्पतिवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘रजत की शादी रतलाम की एक युवती से नौ मई को होनी थी और इसके लिए हमने इंदौर में एक होटल भी बुक कर लिया था। लेकिन आईपीएल में खेलने के लिए उसे आरसीबी से आए बुलावे के बाद शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई।’’
पाटीदार ने बताया कि उनका परिवार रजत की शादी के लिए जुलाई के शुभ मुहूर्त देख रहा है, लेकिन बारिश के मौसम के कारण विवाह समारोह पहले के मुकाबले सीमित स्वरूप में आयोजित होना संभावित है।
गौरतलब है कि आईपीएल मेगा नीलामी में बिक नहीं सके रजत वैकल्पिक खिलाड़ी के रूप में बाद में आरसीबी का हिस्सा बने और उनकी बुधवार रात की 112 रनों की नाबाद पारी से वह सुर्खियों में आ गए हैं।
दायें हाथ के 28 वर्षीय बल्लेबाज ने महज 54 गेंदों में 12 चौकों और सात छक्कों की मदद से यह स्कोर बनाया और इसकी बदौलत आरसीबी ने आईपीएल के एलिमिनेटर मुकाबले में लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ अहम जीत हासिल की।
रजत के पिता मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के व्यस्त महारानी रोड बाजार में मोटरपंप का कारोबार करते हैं। उन्होंने कहा,‘‘हमें उम्मीद थी कि रजत आईपीएल के एलिमिनेटर मुकाबले में 50 रन तो बना ही लेगा। लेकिन उसने शतक के साथ नाबाद पारी खेलकर हमें सुखद अचंभे में डाल दिया।’’
पाटीदार ने बताया,‘‘रजत बचपन से ही क्रिकेट का दीवाना था और खेल के प्रति उसका गहरा रुझान देखकर हमने उसे लगातार प्रोत्साहित किया।’’
उन्होंने बताया कि रजत केवल आठ साल की उम्र में इंदौर के एक क्रिकेट क्लब से जुड़ गए थे और 10 साल के होते-होते अपनी उम्र से बड़े लड़कों के साथ मैच खेलने लगे थे।
पाटीदार याद करते हैं,‘‘स्कूल का समय छोड़ दिया जाए, तो घर से क्लब और क्लब से घर-बचपन में हर मौसम में रजत की यही दिनचर्या होती थी। उसके दोस्त-यार भी गिने-चुने ही रहे। वह बचपन से अनुशासन का पक्का है।’’
पाटीदार ने बताया कि क्रिकेट की व्यस्तताओं के चलते रजत केवल 12वीं तक पढ़ सके। उन्होंने बताया,‘‘मैंने रजत का दाखिला एक स्थानीय महाविद्यालय में कराया, लेकिन परीक्षाओं के दौरान दूसरे शहरों में रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट व अन्य अहम क्रिकेट स्पधाएं पड़ने के कारण वह पर्चे नहीं दे सका। क्रिकेट में उसका अच्छा प्रदर्शन देखकर मैंने भी उसकी महाविद्यालयीन पढ़ाई पर ज्यादा जोर नहीं दिया।’’
पाटीदार ने कहा कि उनके बेटे की क्रिकेट प्रतिभा ईश्वर की देन है और वह अपने तरीके से खेल का आनंद लेता है।
उन्होंने कहा,‘‘हम लोग बेहद सामान्य तरीके से जीवन जीते हैं और रजत को अच्छे प्रदर्शन के दबाव से हमेशा मुक्त रखते हैं। अगर किसी मैच में वह जल्दी आउट भी हो जाता है, तो मैं उससे कहता हूं कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि उसे अगला मौका जल्द मिलेगा।’’
भाषा हर्ष
राजकुमार सुधीर
सुधीर
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